Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Aug, 2020 10:20 AM

आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर भूमि पूजन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शामिल नहीं करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। सिंह ने कहा कि भाजपा दलित विरोधी है, राम मंदिर भूमिपूजन में प्रधानमंत्री...
लखनऊः आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने राम मंदिर भूमि पूजन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को शामिल नहीं करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। सिंह ने कहा कि भाजपा दलित विरोधी है, राम मंदिर भूमिपूजन में प्रधानमंत्री स्वयं पहुंचते हैं पर राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता। यह वही भाजपा है जो राष्ट्रपति के चुनाव के बाद घूम-घूम कर कह रही थी की भाजपा ने एक दलित को राष्ट्रपति बनाया और भूमि पूजन के मौके पर उन्ही राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता है और तो और कल्याण सिंह, उमा भारती जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता जो पिछड़ी जाति से आते है, को नहीं बुलाया जाता है, यहां तक की प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी पिछड़ी जाति का होने के कारण नहीं बुलाया जाता है।
राष्ट्रपति को जगन्नाथ पुरी के मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों के आंकड़े देखें तो दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध भारतीय जनता पार्टी के शासन में हुए हैं। इस मानसिकता के चलते भाजपा के लोग भगवान राम के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने तो शबरी के जूठे बेर खाए थे, निषादराज ने भगवान श्रीराम को अपनी नाव में नदी पार कराई थी, जिन्होंने वानरों की सेना के साथ रावण का नाश किया था ऐसे भगवान राम के सच्चे अनुयायी होने के लिए भाजपा को उनके आदर्श, विचार व भावना को अपने चरित्र में उतारना पड़ेगा।
सिंह ने कहा कि दलितों को प्रसाद बांटकर भाजपा क्या दिखाना चाहती है। प्रसाद बांट सकते हैं पर राष्ट्रपति को पूजन में शामिल न करना दलितों का घोर अपमान है। भाजपा के मन में चोर था, राष्ट्रपति को कार्यक्रम में ना बुलाकर भाजपा ने दलितों का अपमान किया इसलिए दलितों को प्रसाद बांटने की नौटंकी की जा रही है।