Edited By Ramkesh,Updated: 05 Oct, 2021 03:04 PM
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघंबरी गद्दी (Baghbari Gaddi) के महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मृत्यु के 15 दिन बाद आज बलवीर गिरि को मठ का महंत बना दिया गया है। महंत नरेन्द्र गिरि मौत से पहले सुसाइड नोट में मठ का उत्तर अधिकारी बलवीर...
प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघंबरी गद्दी (Baghbari Gaddi) के महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मृत्यु के 15 दिन बाद आज बलवीर गिरि को मठ का महंत बना दिया गया है। महंत नरेन्द्र गिरि मौत से पहले सुसाइड नोट में मठ का उत्तर अधिकारी बलवीर गिरि को बनाए जाने का उल्लेख मिला था। परंतु आज पूरे देश से प्रयागराज पहुंचे कई अखाड़ों के महामंडलेश्वरों एवं संतों ने बलबीर गिरि को तिलक लगाकर मठ का महंत नियुक्त किया। इस दौरान बलबीर गिरि ने महंत नरेन्द्र गिरि की समाधि पर माथा टेक आर्शीवाद लिया। निरंजनी अखाड़े ने बताया कि आज से बाघंबरी गद्दी की जिम्मेदारी वलबीर को सौंप दी गई है। उम्मीद है कि वे मठ की गरिमा और वैभव को बनाए रखेंगे।
बता दें कि महंत की नियुक्ति के समय एक निगरानी समिति बनाई गई है। जिसमें निरंजनी अखाड़े के पांच महंत हैं। यह समिति इस बात पर नजर रखेगी कि नवनियुक्त महंत इस मठ की जमीन आदि ना बेच पाए। बताया जा रहा है कि बाघंबरी गद्दी मठ के पास यहां के परिसर की जमीन, गांव में 30-50 बीघा जमीन और लेटे हनुमान मंदिर है। उल्लेखनीय है कि 20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरि ने अपने मठ में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और उनके कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को इस मठ का महंत बनाने की बात कही गई थी। महंत नरेंद्र गिरि के वकील ऋषि शंकर द्विवेदी के मुताबिक, नरेंद्र गिरि ने अपनी आखिरी वसीयत 4 जून, 2020 को बलवीर गिरि के नाम लिखी थी और वहीं मान्य है।