Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Oct, 2022 10:21 AM

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में घाघरा नदी का कहर बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घंटों में घाघरा नदी के पानी से रिंग बांध कटने के कारण लगभग 65 गांवों के सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। आजमगढ़ जिला प्रशासन के...
आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में घाघरा नदी का कहर बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घंटों में घाघरा नदी के पानी से रिंग बांध कटने के कारण लगभग 65 गांवों के सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। आजमगढ़ जिला प्रशासन के अनुसार जिले की सगड़ी तहसील क्षेत्र के देवरांचल में बहने वाली घाघरा नदी के जलस्तर ने पिछले 24 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। घाघारा नदी खतरा बिन्दु से 1.91 मीटर उपर बह रही है। महुला से हैदराबाद तक बांध में कई स्थानो पर रिसाव शुरू होने की जानकारी मिल रही है। वहीं छितौनी गांव के पास नदी का पानी बांधे के बराबर बहने से ग्रामीणों डरे सहमे है। महुला गढ़वल के पास तेज बहाव के चलते रिंग बांध का काफी हिस्सा कट गया है। रिसवा को रोकने के लिए पूरी प्रशासनिक मशीनरी को उतार दिया गया, वहीं ग्रामीण भी अपना सहयोग कर रहे है।
आजमगढ़ के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने शनिवार को बताया कि बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बाढ़ प्रभावित गांवों के प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में ले पहुंचाया गया है। मौके पर पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के क्षेत्रीय विधायक नफीस अहमद ने प्रशासन द्वारा दी जा रही राहत को नाकाफी बताया है । अपर जिलाधिकारी आजाद भगत सिंह ने बाढ़ क्षेत्र सगड़ी का निरीक्षण करते हुए बताया कि तहसील सगड़ी अंतर्गत बाढ़ से कुल 65 गांव प्रभावित हैं। इन गांवों की जनसंख्या 65 हजार है। इनमें से 12 गांव की आबादी बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुई है। इन गांव के 1500 लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लोगों को राहत कैंपों में पहुंचाने एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था कराई जा रही है। उन्होने बताया कि बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन का कार्य प्रगति पर है, नुकसान का आकलन शीघ्र कराकर नियमानुसार सहायता वितरण की कार्यवाही की जाएगी। सगड़ी के उपजिलाधिकारी राजीव रत्न सिंह भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाढ़ से प्रभावित 60 गांव में करीब 300 नावें लगाई लगाई है। उन्होंने शनिवार को नदी का पानी कम होने की उम्मीद जतायी है। उन्होने कहा कि रिसाव को सही करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी लगे है। कोई परेशानी की बात नही है। वहीं गोपालपुर विधानसभा के सपा विधायक नफीस अहमद ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, कहा कि सबको पता है कि देवरांचल में हर बार नेपाल जब पानी छोड़ता है तो बाढ़ की स्थिति बन जाती है, ऐसे में सरकार व प्रशासन को सभी तैयारियों को पहले ही पूर्ण कर लेनी चाहिए थी।