Edited By Purnima Singh,Updated: 11 Dec, 2025 06:59 PM

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान को गुरुवार को बड़ा राहत भरा फैसला मिला है। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2017 में सेना के जवानों पर विवादित टिप्पणी मामले में साक्ष्य न मिलने के कारण बरी कर दिया .....
रामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान को गुरुवार को बड़ा राहत भरा फैसला मिला है। रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 2017 में सेना के जवानों पर विवादित टिप्पणी मामले में साक्ष्य न मिलने के कारण बरी कर दिया।
यह मामला वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान दिए गए एक बयान से जुड़ा था। आरोप था कि आज़म ख़ान ने अपनी जनसभा में सेना के जवानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना (वर्तमान में रामपुर सदर से विधायक) ने 30 जून 2017 को थाना सिविल लाइंस में धारा 153ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। करीब आठ साल तक केस एमपी-एमएलए कोर्ट में चला और गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं हैं, इसलिए आज़म ख़ान को दोषमुक्त किया जाता है।
आजम का 27 जून 2017 का बयान
सभा के दौरान आज़म ने कहा था, 'हथियारबंद औरतों ने फौज को मारा। दहशतगर्द फौजियों के प्राइवेट पार्ट्स काट ले गए… जिस हिस्से से उन्हें शिकायत थी, उसे काटकर ले गए… यह इतना बड़ा संदेश है जिसपर पूरे हिंदुस्तान को शर्मिंदा होना चाहिए।”
क्वालिटी बार केस में अगली सुनवाई 4 जनवरी
उधर, आज़म ख़ान के खिलाफ दर्ज क्वालिटी बार भूमि कब्जा मामले में भी कार्रवाई जारी है। 21 नवंबर 2019 को राजस्व निरीक्षक अनंग राज सिंह की शिकायत पर दर्ज इस केस में आरोप है कि मंत्री रहते हुए आज़म ने जिला सहकारी संघ की जमीन पर बने क्वालिटी बार की 302 वर्गमीटर भूमि अपनी पत्नी को महज 1200 रुपये किराये पर अलॉट करा दी थी। बाद में बेटे को भी सह-किरायेदार बना दिया गया। यह मामला भी एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है और इसमें 4 जनवरी को आरोप तय किए जा सकते हैं।