Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Sep, 2019 12:44 PM
अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के 18वें दिन मुस्लिम पक्ष ने कहा कि निर्मोही अखाड़े ने 1934 में बाबरी मस्जिद पर अवैध कब्जा करके वहां मूर्तियां रख दीं।
नई दिल्ली: अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के 18वें दिन मुस्लिम पक्ष ने कहा कि निर्मोही अखाड़े ने 1934 में बाबरी मस्जिद पर अवैध कब्जा करके वहां मूर्तियां रख दीं। बाबरी मस्जिद के अंदर मूर्तियां दिखना चमत्कार नहीं, बल्कि सुनियोजित हमला था।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन ने पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मस्जिद का स्वरूप बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन फैजाबाद के डीयम केके नैयर ने कुछ नहीं किया।
धवन ने कहा कि आजाद होने की तारीख और संविधान स्थापना के बाद कोई धार्मिक स्थल परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। महज स्वयंभू होने के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाल सकते कि कोई स्थान किसी का है। सुप्रीम कोर्ट तथ्यों पर फैसला दे।