अयोध्या मामला कानूनी इतिहास में सबसे प्रचंड रूप से लड़े गए मुकदमों में विशेष स्थान रखेगाः गोगोई

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 29 Aug, 2020 03:41 PM

ayodhya case will hold special place in most fiercely cases gogoi

राम जन्मभूमि मामले में फैसला सुनाने वाली उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता करने वाले तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि

नयी दिल्ली/अयोध्याः  राम जन्मभूमि मामले में फैसला सुनाने वाली उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता करने वाले तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले में फैसला सुनाना चुनौतीपूर्ण काम था। न्यायमूर्ति गोगोई ने पत्रकार माला दीक्षित की पुस्तक ‘अयोध्या से अदालत तक भगवान श्रीराम (सुप्रीम कोटर् में 40 दिन सुनवाई के अनछुए पहलुओं की आंखों देखी दास्तान)' पर वर्चुअल परिचर्चा में भेजे अपने संदेश में यह बात कही।

न्यायमूर्ति गोगोई ने अपने संदेश में कहा, ‘‘अयोध्या मामला देश के कानूनी इतिहास में सबसे प्रचंड रूप से लड़े गए मुकदमों में हमेशा विशेष स्थान रखेगा। इस मामले से जुड़े विभिन्न भारी भरकम मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ मामले को अंतिम फैसले के लिए लाया गया था। ये रिकॉर्ड विभिन्न भाषाओं से अनुवाद कराए गए थे। पक्षकारों की ओर से प्रख्यात वकीलों ने हर बिन्दु पर आवेश में आकर विचारोत्तेजक बहस की।''

न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘अंतिम फैसले तक पहुंचना कई कारणों से एक चुनौतीपूर्ण काम था। चालीस दिन तक निरंतर चली सुनवाई में प्रख्यात वकीलों की बेंच को दिया गया सहयोग अभूतपूर्व था। पुस्तक सभी घटनाओं का एक परिप्रेक्ष्य के साथ वर्णन करती है, जो मुझे यकीन है कि पाठकों को दिलचस्प लगेगा। लेखिका ने, जो समाचार पत्र के वास्ते कवर करने के लिए अधिकांश सुनवाई में मौजूद थी, मैं समझता हूं न्यायालय में हुई घटनाओं के साथ पूर्ण न्याय किया है। पुस्तक की सफलता के लिए उन्हें मेरी शुभकामनाएं।

 

 

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