Edited By Pooja Gill,Updated: 03 Dec, 2024 06:34 PM
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आजाद समाज पार्टी (आसपा) और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने संभल में हुई हिंसक घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके साथ ही डीएम को ज्ञापन भी सौंपा। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की।...
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आजाद समाज पार्टी (आसपा) और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने संभल में हुई हिंसक घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके साथ ही डीएम को ज्ञापन भी सौंपा। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की। इसके अलावा दोषियों को फांसी की सजा देने की बात कही।
लोकतंत्र को कमजोर करने का हो रहा प्रयास
विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आजाद को संभल जाने से रोका जा रहा है। इसका मतलब है कि सरकार कुछ छुपाने का प्रयास कर रही है। आखिर सरकार हम लोगों को वहां पर क्यों नहीं जाने दे रही है? विरोध प्रदर्शन में शामिल आक्रोशित लोगों नो कहा कि आज हम लोगों ने यहां पर प्रदर्शन किया है। अगर जांच ठीक से नहीं होगी तो हम आगे और बड़ा प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं के लिए रोजगार नहीं किया है लेकिन हिंसा हो रही है।
संभल हिंसा के बाद लगाए गए थे प्रतिबंध
बता दें कि कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। हिंसा के बाद कुछ दिनों तक जिले में इंटरनेट की सेवाएं बाधित थीं। जिले में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया था। हालांकि, अब सबकुछ बहाल हो गया है। शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन और आगजनी के बाद यहां सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंत्जाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। फिर भी सुरक्षा लिहाज से डीएम ने किसी भी बाहरी व्यक्ति को जिले में प्रवेश करने से रोकने के आदेश दिए थे। 10 दिसंबर तक शहर में कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता है।