Edited By ,Updated: 24 Sep, 2015 03:00 PM
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मायावती सरकार में पूर्व मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दे दिए।
झांसी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मायावती सरकार में पूर्व मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त करने के आदेश दे दिए। ज्ञात हो कि 2012 से जेल में कैद बाबू सिंह कुशवाहा पर लखनऊ, नोएडा, दिल्ली और बांदा में अवैध तरीके से फ्लैट, जमीन और शापिंग मॉल बनाने का आरोप है। आरोप है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और उप्र श्रम निर्माण एवं सहकारी संघ लिमिटेड (लैकफेड) हुए घोटाले की रकम से बाबू सिंह कुशवाहा ने ये संपत्तियां तैयार की हैं। करीब तीन साल तक चली जांच के बाद ईडी ने बाबू सिंह कुशवाहा की 196 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त किया है। जांच में पाया गया कि ये कुशवाहा की ज्यादातर संपत्तियां उसके रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर हैं।
लखनऊ के कसमांडा हाऊस, दर्पण मर्केंटाइल और दिल्ली के करोलबाग में तीन मंजिला शापिंग कांप्लेक्स अब ईडी के कब्जे में है। इसके अलावा बैंक में जमा कुशवाहा के नकद 7.30 करोड़ रुपये पर भी ईडी का शिकंजा है। राजधानी के गौरी में सात एकड़ जमीन भी इसी में शामिल है। मालूम हो कि सीएमओ हत्याकांड के बाद बाबू सिंह कुशवाहा को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। 2011 में एनआरएचएम घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू होते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी महासचिव पद से हटाने के साथ अपने घर में उनके आने-जाने पर भी रोक लगा दी। ज्ञात हो कि बाबू सिंह कुशवाहा और मायावती के बीच काफी लंबे संबंध रहे। किसी समय में कुशवाहा बसपा
कार्यालय में फोन ऑपरेटर थे।