अबकी सर्दियों में चखिए रसमलाई जैसा स्वाद... शीरे जैसी मिठास से सराबोर होगा इलाहाबादी अमरूद, बढ़ाई जा रही है अमरूद की गुणवत्ता

Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Jul, 2025 03:44 PM

allahabadi guava will be drenched with sweetness like syrup

संगम नगरी प्रयागराज देश में ही नहीं ब्लकि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर हैं। एक तरफ जहां तीन नदियों का संगम है, धार्मिक मान्यता की बात करें तो कई शक्तिपीठ मंदिर हैं, जिले को महाकुंभ की नगरी का भी दर्जा दिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ यहां...

Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): संगम नगरी प्रयागराज देश में ही नहीं ब्लकि पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर हैं। एक तरफ जहां तीन नदियों का संगम है, धार्मिक मान्यता की बात करें तो कई शक्तिपीठ मंदिर हैं, जिले को महाकुंभ की नगरी का भी दर्जा दिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ यहां के इलाहाबादी अमरूद भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ऐसे में इस बार की सर्दियों में अधिकारियों का दावा है की सबसे अधिक स्वादिष्ट और गुणवत्ता वाले अमरुद आपको खाने को मिलेंगे। अबकी बार के अमरूदों पर विशेष प्रयोग किया जा रहा है जिससे आपको रसमलाई जैसा स्वाद और शीरे जैसी मिठास खाने में मिलेगा।
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हालांकि पिछली सर्दी की बात करें या महाकुंभ की बात करें तो अधिकारियों ने पिछले साल भी कड़ी मेहनत की थी जिसका निष्कर्ष यह निकाला था कि अमरूद में रसगुल्ले जैसी मिठाई दिखाई थी लेकिन अब की बार अधिकारियों का दावा है कि और अधिक प्रयोग किए गए हैं जिससे गुणवत्ता और मिठास पिछले सर्दी से अधिक दिखाई देगी।
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प्रयागराज के उद्यान अधिकारी वीके सिंह ने खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बार कई किसानों को ट्रेनिंग दी गई है की अमरूदों की गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाए बरसात की फसल को नष्ट किया गया है ताकि सर्दियों की फसल अधिक संख्या में हो और गुणवत्ता के लिए पिछले साल से ज्यादा प्रयोग भी किए गए हैं। सिंह का कहना है पिछली सर्दी या कहे कि महाकुंभ के दौरान जो इलाहाबादी अमरूद ने मिठास छोड़ी थी उसमें दो अलग-अलग तरह के प्रयोग किए गए थे लेकिन अबकी बार चार तरह के प्रयोग हुए हैं जिसकी वजह से आने वाली सर्दियों में अब तक के सबसे स्वादिष्ट और मीठे अमरूद आपको खाने को मिलेंगे।
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बरसाती फसल को कम करने या नष्ट करने के लिए 10 फीसदी यूरिया का इस्तेमाल करें।  पेड़ों में भरपूर पानी भर दें।  तीसरा तरीका मई के महीना में टहनी को काट दें ताकि नए टहनी आ जाए जिससे नई फसल सर्दी के लग जाएं इसके साथ ही साथ चौथा तरीका भी मई के महीने में किया गया है जिससे कई टहनियों को झुका दिया है या काहे की झुक कर बांध दिया गया है जिसकी वजह से नए फूल आने शुरू हो जाएंगे इसके साथ ही साथ फूड ट्रिपिंग डिवाइस भी लगाए गए हैं जिससे आने वाले फसलों में कीड़े नहीं लेंगे।
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उद्यान अधिकारी और उनकी टीम समय-समय पर बागों का निरीक्षण करने के लिए जा रही है और साथ ही किसानों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है। खुसरो बाग में लगे इलाहाबादी अमरूद का पंजाब केसरी की टीम ने जायजा लिया और उद्यान अधिकारी वीके सिंह से खास बातचीत की।

 


 

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