Edited By Pooja Gill,Updated: 07 Feb, 2023 11:08 AM
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार भाजपा पर हमलावर हो रहे हैं। अखिलेश पहले से ही जातिगत जनगणना की मांग कर रहे थे, लेकिन अब इस पर और भी राजनीति होने लग गई है। उन्होंने इस जातिगत जनगणना की मांग को दोहराया...
लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) लगातार भाजपा (BJP) पर हमलावर हो रहे हैं। अखिलेश पहले से ही जातिगत जनगणना (caste census) की मांग कर रहे थे, लेकिन अब इस पर और भी राजनीति (Politics) होने लग गई है। उन्होंने इस जातिगत जनगणना की मांग को दोहराया है और इसे अपना हथियार बनाते हुए भाजपा पर हमला किया है। अखिलेश ने कहा है कि BJP सरकार लगातार पिछड़े और दलितों की उपेक्षा कर रही है। भाजपा अपनी साजिश के तहत इन पिछड़ों, दलितों वर्गों के आरक्षित पद खत्म कर रही है और इन पर कभी ध्यान नहीं देती।
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अखिलेश यादव ने कसा भाजपा पर तंज
मिली जानकारी के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा लगातार दलितों और पिछड़े वर्गों से भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में जो भर्तियां निकलती है, उनमें भी पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा की जा रही है। उन्हें कोई न कोई कारण बता कर भर्तियों से बाहर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों लखनऊ PGI में आरक्षण के नियमों को दरकिनार कर अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को रिक्त छोड़ दिया गया। विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में भी दलितों व पिछड़ों की उपेक्षा की गई है। इसी रणनीति के तहत निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
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सपा पिछले दो साल से कर रही है जातिगत जनगणना की मांग
बता दें कि समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की वकालत करते हुए राज्य में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग बीते दो साल से कर रहे हैं। अब उन्होंने फिर से इस मांग को दोहराया है और अपने सभी सांसद और विधायकों को गांव-गांव जाकर जातिगत जनगणना कराने के लिए माहौल बनाने को कहा है। उन्होंने कहा है कि सपा पिछड़ों और दलितों के इसी हक और सम्मान को दिलाने के लिए लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग करती आ रही है। भाजपा जातीय जनगणना से डरती है, जबकि पिछड़ों, दलितों के हक और सम्मान दिलाने, उनके साथ हो रहे भेदभाव और अन्याय को खत्म करने के लिए जातीय जनगणना और सभी जातियों का आंकड़ा होना बेहद जरूरी है।