Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Jun, 2024 09:52 AM
जिले के रकाबगंज में एक भिखारी को कार में जलाने के 17 वर्ष पुराने मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बीमा की रकम पाने के लिए एक भिखारी को कार में अपने कपड़े पहनाकर जिंदा जला दिया था।
आगरा: जिले के रकाबगंज में एक भिखारी को कार में जलाने के 17 वर्ष पुराने मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बीमा की रकम पाने के लिए एक भिखारी को कार में अपने कपड़े पहनाकर जिंदा जला दिया था। अहमदाबाद की अपराध शाखा ने नवंबर 2023 में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके मामले का खुलासा किया था और अब रकाबगंज पुलिस ने इसी मामले में मुख्य आरोपी के पिता को गिरफ्तार किया है।
30 जुलाई 2006 में खंभे से टकरायी थी कार
पुलिस के मुताबिक 30 जुलाई 2006 को एक कार आगरा के किले के सामने टक्कर रोड पर खंभे से टकरायी थी और उसमें भीषण आग लगी थी। इस घटना में चालक सीट पर बैठा युवक जिंदा जल गया था। पुलिस ने बताया कि कार के नंबर के आधार पर पुलिस ने भट्टा परसौल निवासी विजय सिंह से संपर्क किया था, जिसके बाद वह आगरा आये और उन्होंने शव की शिनाख्त अपने बेटे अनिल के तौर पर की। अनिल की ट्रेवल एजेंसी थी और उसका करीब 60 लाख रुपये का बीमा था। मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के बाद बीमा राशि ले ली गयी। अनिल वास्तव में कार दुर्घटना में मरा नहीं था और अहमदाबाद में पहचान छिपाकर रहने लगा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी के पिता विजय को गिरफ्तार किया है।
बीमा के पैसे पाने के लिए अनिल और उसके परिवार ने रची साजिश
पुलिस ने बताया कि बीमा के पैसे पाने के लिए अनिल और उसके परिवार ने साजिश के तहत अनिल ने एक भिखारी को खाना खाने के लिए बुलाया, उसे खाना खिलाया और पहनने को अपने कपड़े भी दिए। खाने में बेहोशी की दवा थी जिससे भिखारी बेहोश हो गया। इसके बाद आरोपियों ने उसे कार की ड्राइविंग सीट पर बैठाया और कार को जला दिया।