Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Dec, 2024 12:10 PM
यूपी के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसक घटना के बाद से लगातार मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसकी जामच को लेकर प्रदेष सरकार पर तमाम सवालिया निशान लग रहे थे। विपक्ष भी इसे लेकर जांच की मांग कर रहा था। इसी के चलते संभल हिंसा की जांच...
संभल : यूपी के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसक घटना के बाद से लगातार मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसकी जामच को लेकर प्रदेष सरकार पर तमाम सवालिया निशान लग रहे थे। विपक्ष भी इसे लेकर जांच की मांग कर रहा था। इसी के चलते संभल हिंसा की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच टीम संभल पहुंची है। टीम उस जगह का दौरा कर रही है, जहां हिंसा हुई थी। बता दें कि जांच समिति के साथ डीएम और एसपी भी हिंसाग्रस्त इलाके में मुआयना कर रहे हैं।
चार बिंदुओं पर होगी जांच
संभल जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण को लेकर हिंसा भड़क गई थी। जिसे लेकर रविवार सुबह 10 बजे तीन सदस्यीय न्यायिक जांच टीम संभल पहुंची। टीम के यहां पहुंचने से पहले शाही जामा मस्जिद के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई थी। न्यायिक आयोग के तीन सदस्य प्रमुख रूप से चार बिंदुओं पर अपनी जांच करेंगे। क्या हिंसा किसी साजिश के तहत सुनियोजित थी? क्या पुलिस सुरक्षा पर्याप्त थी? किन कारणों से और किन हालात में हिंसा हुई, इसकी वजह क्या थी? आगे भविष्य में इस तरह की घटना न घटे इसके लिए क्या उपाय हो सकते हैं?
तीन सदस्यीय टीम में कौन-कौन शामिल है
गौरतलब है कि संभल हिंसा की जांच के लिए यूपी सरकार ने जिस तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है उनमें रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा, रिटायर्ड आईपीएस एके जैन और रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन शामिल हैं। देवेंद्र अरोड़ा की अध्यक्षता में यह टीम शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण करेगी। बता दें कि हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
संभल में एंट्री पर 10 दिसंबर तक रोक
इस बीच, जिले में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है। हालांकि शहर में तनाव शांत हो गया है, फिर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। पुलिस प्रशासन ने शहर में 10 कंपनी पीएसी और आरएएफ की तैनाती की है। इसके साथ ही मुरादाबाद मंडल के अन्य जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल भी भेजा गया है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।