3 घंटे की बंद कमरे में बैठक, खामोशी में छुपी सियासत… अखिलेश ने आजम को दिया मुकदमे वापसी का भरोसा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Oct, 2025 08:36 PM

a three hour closed door meeting politics hidden in silence

रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बीच बहुप्रतीक्षित मुलाकात आखिरकार बुधवार को हुई। करीब तीन घंटे तक चली यह बैठक न सिर्फ राजनीतिक मायनों में अहम रही, बल्कि इसे "शर्तों के साथ हुई मुलाकात" भी कहा जा...

Rampur News: रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बीच बहुप्रतीक्षित मुलाकात आखिरकार बुधवार को हुई। करीब तीन घंटे तक चली यह बैठक न सिर्फ राजनीतिक मायनों में अहम रही, बल्कि इसे "शर्तों के साथ हुई मुलाकात" भी कहा जा रहा है। आजम खान ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह केवल अखिलेश यादव से ही मिलेंगे, वह भी अकेले में। यही वजह रही कि जब अखिलेश यादव बरेली पहुंचे, तो उनके साथ मौजूद रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को वहीं रोक दिया गया और रामपुर का सफर अखिलेश ने अकेले तय किया।

आजम खान ने किया हेलिपैड पर स्वागत
रामपुर पहुंचने पर आजम खान ने जौहर यूनिवर्सिटी स्थित हेलिपैड पर खुद अखिलेश यादव का स्वागत किया। दोनों नेता एक ही गाड़ी में उनके घर पहुंचे, जहां लगभग दो घंटे की बंद कमरे में मुलाकात हुई। खास बात यह रही कि इस दौरान न आजम खान का परिवार नजर आया और न ही पार्टी के अन्य नेता। यह पूरी बातचीत ‘वन टू वन’ रही।

नदवी से दूरी क्यों?
माना जा रहा है कि आजम खान और मौलाना नदवी के बीच लंबे समय से खटास है। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान रामपुर से टिकट वितरण को लेकर आजम खान नाराज हो गए थे। उन्होंने नदवी की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए यहां तक कह दिया था कि खुद अखिलेश रामपुर से चुनाव लड़ें। लेकिन जब नदवी को टिकट मिला, तो आजम और उनके समर्थकों ने प्रचार से दूरी बनाए रखी। नदवी को आजम खान "हेलीकॉप्टर कैंडिडेट" कहकर तंज कसते रहे हैं।

अखिलेश ने जताया सम्मान, मुकदमे वापसी का भरोसा
मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की।" अखिलेश ने यह भी भरोसा दिलाया कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो आजम खान पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी उनके सम्मान और योगदान को नहीं भूल सकती।

भाजपा ने किया हमला
इस मुलाकात पर सत्ताधारी भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि यह मुलाकात सिर्फ मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कवायद है। यूपी सरकार के मंत्री जेपीएस राठौड़ और ओपी राजभर सहित अन्य नेताओं ने कहा कि आजम खान जब मुश्किल में थे, तब अखिलेश ने उनका साथ नहीं दिया और अब वोट बैंक खिसकता देख रामपुर का रुख किया।

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