Edited By Anil Kapoor,Updated: 02 Dec, 2025 08:47 AM

Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक दुखद घटना सामने आई है। जहां अरनिया क्षेत्र के सुरजावली गांव में रहने वाले 9 वर्षीय बच्चे सत्यदेव की रेबीज (भौंकने/पागल कुत्ते जैसी बीमारी) से मौत हो गई। परिवार को कुत्ते के काटने की जानकारी नहीं...
Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक दुखद घटना सामने आई है। जहां अरनिया क्षेत्र के सुरजावली गांव में रहने वाले 9 वर्षीय बच्चे सत्यदेव की रेबीज (भौंकने/पागल कुत्ते जैसी बीमारी) से मौत हो गई। परिवार को कुत्ते के काटने की जानकारी नहीं होने के कारण समय पर टीकाकरण नहीं हो पाया।
बुखार और हालत बिगड़ी
सत्यदेव को तीन दिन पहले बुखार आया, जिस पर परिवार ने गांव के डॉक्टर से दवा ली। हालांकि, समय के साथ बच्चे में रेबीज के लक्षण बढ़ने लगे। कुत्ते के काटने पर ध्यान न देने और थोड़ी लापरवाही के कारण बच्चे की स्थिति गंभीर हो गई।
अलीगढ़ और दिल्ली में इलाज के प्रयास
बिगड़ती हालत को देखते हुए परिजन सत्यदेव को अलीगढ़ ले गए, और वहां से दिल्ली रेफर किया गया। दिल्ली के अर्बन हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने बच्चे को देखते ही रेबीज से ग्रसित घोषित किया। डॉक्टरों ने बताया कि रेबीज का कोई इलाज नहीं है।
भयंकर लक्षण
परिवार ने बच्चे को इलाज के लिए भरतपुर भी ले जाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर देर रात उसकी मौत हो गई। सत्यदेव में पानी से डरना और कुत्ते जैसी हरकतें करने जैसे लक्षण दिखाई दे रहे थे। पिता विष्णु ने बताया कि सत्यदेव उनका इकलौता बेटा था। अब उनके परिवार में केवल दो बेटियां हैं।
गांव में शोक का माहौल
सोमवार सुबह करीब 6 बजे सत्यदेव का शव गांव सुरजावली पहुंचा, जिससे पूरे गांव में शोक का माहौल छा गया।
सवाल और प्रशासन की प्रतिक्रिया
बुलंदशहर के सीएमओ ने कहा कि जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रेबीज के इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि जो भी मरीज आता है, उसे समय पर टीका लगाया जाता है। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और कुत्ते के काटने पर समय पर टीकाकरण की अहमियत पर एक बार फिर ध्यान खींचती है।