रेलवे स्टेशन पर चुपचाप बैठी थीं 27 लड़कियां और 40 लड़के, ट्रेन का कर रहे थे इंतजार, RPF को देख सकपकाए; जवानों ने पूछा यहां कैसे ? जवाब सुन फटी रह गईं आंखें

Edited By Purnima Singh,Updated: 19 Sep, 2025 02:33 PM

27 girls and 40 boys were waiting for the train

यूपी के आगरा डिवीजन आरपीएफ द्वारा ‘नन्हे फरिश्ते’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 तक कुल 67 बच्चों को बचाया गया। जिनमें 40 लड़के और 27 लड़कियां शामिल हैं ....

आगरा : यूपी के आगरा डिवीजन आरपीएफ द्वारा ‘नन्हे फरिश्ते’ अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 तक कुल 67 बच्चों को बचाया गया। जिनमें 40 लड़के और 27 लड़कियां शामिल हैं। इनमें लापता, अपहृत, मानसिक रूप से अस्थिर और बेघर बच्चे शामिल हैं। ये सभी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। तभी आरपीएफ के जवान इनके पास पहुंचे और पूछताछ शुरू की। पूछताछ में इन्‍होंने जो वजह बताई जानकर आरपीएफ के जवान भी दंग रह गए। इन सभी ने पूछताछ में घर से भागकर आने की बात कही। 

RPF ने बच्चों को परिजनों से मिलवाया 
इसके बाद आरपीएफ ने न केवल इन बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, बल्कि उनके परिवार वालों से भी मिलवाया। इतना ही नहीं उनकी दुर्दशा के लिए समाज में जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आरपीएफ द्वारा चलाया जा रहा ‘नन्हे फरिश्ते’ केवल एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि उन हजारों बच्चों के लिए एक जीवन रेखा है, जो अनिश्चित परिस्थितियों में फंस जाते हैं। डिवीजन आरपीएफ की इस पहल ने बच्चों को एक नया जीवन दिया है। 

लगातार बढ़ रहा ऑपरेशन ‘नन्हे फरिश्ते’ का दायरा 
‘नन्हे फरिश्ते’ ऑपरेशन का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। रोज नई चुनौतियों का सामना करते हुए आरपीएफ के जवान बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण उपलब्‍ध करा रहे हैं। इस ऑपरेशन के तहत बचाए गए बच्चों की पूरी जानकारी ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाती है। इस जानकारी से उनके पुनर्वास और परिवार से पुनर्मिलन की प्रक्रिया को और आसान बनाया जा सकेगा। 

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