उत्तराखंड की वरिष्ठ अधिकारी राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगाए ये गंभीर आरोप

Edited By Nitika,Updated: 18 Oct, 2022 10:13 AM

senior officer made serious allegations against up police

उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर बेकुसूर लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आपराधिक मामलों की ठीक ढंग से विवेचना की जानी चाहिए और निर्दोष की बजाय दोषी को सजा दी जानी...

 

देहरादून/लखनऊः उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर बेकुसूर लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें अपराधी ठहराने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आपराधिक मामलों की ठीक ढंग से विवेचना की जानी चाहिए और निर्दोष की बजाय दोषी को सजा दी जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे गैर जिम्मेदाराना करार दिया है। 

अनेक बार निर्दोष लोगों को पकड़ती है यूपी पुलिस: रतूड़ी
रतूड़ी ने देहरादून में संवाददाताओं से बातचीत में उत्तर प्रदेश पुलिस का जिक्र करते हुए कहा "अनेक बार वह (उत्तर प्रदेश पुलिस) निर्दोष लोगों को पकड़ लेती है और उन्हें दोषी बताती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। एक निर्दोष व्यक्ति को पकड़ने से गलत हरकत करने वाले 99 लोग पैदा हो सकते हैं।" उन्होंने आपराधिक मामलों की ठीक से विवेचना की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दोषी व्यक्ति सजा से बच ना सके और निर्दोष व्यक्ति पर मुकदमा न दर्ज हो। उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों को उधम सिंह नगर के साथ साथ कुछ अन्य इलाकों में हुई कुल तीन घटनाओं को तीन दिन के अंदर सुलझाने का अल्टीमेटम दिए जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर रतूड़ी ने कहा "ऐसा कोई अल्टीमेटम नहीं दिया गया है। उनसे इन मामलों की ढंग से विवेचना कर दोषी लोगों को सजा दिलाने को कहा गया है।" 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने दी तीखी प्रतिक्रिया
इस बीच, उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव के इस बयान पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने लखनऊ में कहा "उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तराखंड के गृह विभाग की अपर मुख्य सचिव का बयान देखा और सुना है। उन्होंने तथ्यों को जाने बगैर एक गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। एक लोक सेवक को ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए। खासतौर पर तब जब वह देश के सबसे बड़े और संवेदनशील राज्य से जुड़ा मामला हो।" उन्होंने कहा "यह बयान खेदजनक है और तथ्यों पर आधारित नहीं है। क्या अपर मुख्य सचिव की नजर में मुख्तार अंसारी और विजय मिश्रा निर्दोष हैं, जिन्हें अदालतों ने सजा सुनाई है। क्या वांछित खनन माफिया जफर यह उधमसिंह नगर का वरिष्ठ ब्लाक प्रमुख उनकी नजर में बेकुसूर हैं।'' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के बारे में उत्तराखंड की अपर मुख्य सचिव का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उसने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस के बीच गतिरोध जारी
गौरतलब है कि खनन माफिया जफर को गिरफ्तार करने गई मुरादाबाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच पिछली 12 अक्टूबर को हुई हिंसक झड़प में चली गोली लगने से एक ब्लॉक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई थी। उधमसिंह नगर पुलिस का आरोप है कि मुरादाबाद पुलिस ने स्थानीय पुलिस को अपनी आमद के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी और उसकी लापरवाही से यह वारदात हुई। इस घटना के बाद से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पुलिस के बीच गतिरोध जारी है।

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