Edited By ,Updated: 16 May, 2017 06:41 PM

उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा में आज सर्वसमति से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने एक नोटिस जारी कर मांग की कि जीएसटी को सदन की प्रवर समिति को भेजना चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा में आज सर्वसम्मति से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पारित हो गया। राज्य विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने एक नोटिस जारी कर मांग की कि जीएसटी को सदन की प्रवर समिति को भेजना चाहिए।
समिति इसकी रिपोर्ट एक महीने में दे हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुजारिश पर उन्होंने नोटिस वापस ले ली। बिल के पारित होने के साथ उत्तर प्रदेश देश के उन नौ राज्यों की सूची में शामिल हो गया है जिन्होंने इस बिल पर अपनी मुहर लगायी है। मुख्यमंत्री ने कल जीएसटी बिल के प्रस्ताव को सदन के पटल पर पेश किया था और सभी सदस्यों से बिल को पारित कराने का आग्रह किया था।

योगी ने कहा ‘देश के सभी गैर भाजपा शासित राज्य जीएसटी विधेयक को पारित कर चुके हैं। ऐसे में यदि समाजवादी पार्टी (सपा) इसका विरोध करती है तो एक गलत संदेश समूचे देश को जायेगा।’ बिल के पारित होने से गदगद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य विधानसभा के चालू सत्र में जीएसटी के पास होने से उत्तर प्रदेश देश का ऐसा नौवां राज्य बन गया है जहां बिल का प्रस्ताव पारित हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि जीएसटी के लागू होने से कर प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। देश भर में एक समान कर प्रणाली का फायदा व्यापारी वर्ग के साथ साथ आम उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। व्यवसायी कर चोरी नहीं कर पायेंगे हालांकि कर भी इतना नहीं होगा कि व्यापारी उसे जमा ही न कर पाएं। इससे सबके लएि आसानी होगी। इससे पहले कल विधानसभा में एक कार्यशाला का आयोजन कर विधायकों को जीएसटी के फायदों के बारे में जानकारी दी गयी थी। इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।