Edited By Ajay kumar,Updated: 18 May, 2020 02:17 PM

सहारनपुर में दारुल उलूम देवबन्द ने फतवा जारी कर कहा है कि लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों की बजाय घरों में ही नमाज पढ़ी जाए।
सहारनपुर: सहारनपुर में दारुल उलूम देवबन्द ने फतवा जारी कर कहा है कि लॉकडाउन के चलते ईदगाह और मस्जिदों की बजाय घरों में ही नमाज पढ़ी जाए। दारुल उलूम के फतवा विभाग ने संस्था के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी के सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि माह-ए-रमजान के रोजा के बाद दो रकआत नमाज-ए-ईद अदा कर रोजेदार अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं।
इस बार माह-ए-रमजान कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन में ही बीत रहा है। अब चंद दिनों में ईद आ रही है। ईद की नमाज को लेकर रोजेदारों की बैचेनी देखते हुए दारुल उलूम मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने संस्था के मुफ्ती-ए-कराम से नमाज-ए-ईद के लिए सवाल किया तो संस्था की मुफ्ती-ए-कराम की खंडपीठ ने फतवा जारी करते हुए कहा कि ईद-उल-फितर की नमाज वाजिब है इसलिए इसे पढऩा आवश्यक है।
मुफ्ती महमूदउल हसन बुलंदशहरी के नेतृत्व की खंडपीठ में शामिल मुफ्ती हबीबुर्रहमान खैराबादी, मुफ्ती वकार अली, मुफ्ती नौमान सीतापुरी, मुफ्ती जैनूल इस्लाम और मुफ्ती फखरुल इस्लाम की खंडपीठ ने जारी फतवे में कहा कि ईद की नमाज तक लॉकडाउन जारी रहने की सूरत में मस्जिद या घरों में (पांच-पांच लोगों द्वारा)नमाज अदा की जा सकती है। साथ ही फतवे में सलाह देते हुए कहा कि जो लोग किसी मजबूरी के तहत ईद की नमाज अदा नहीं कर पाएंगे उनके लिए नमाज-ए-ईद माफ होगी।