अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष के वकील बोले- सिर्फ हमसे ही सवाल पूछे जा रहे, हिंदू पक्ष से क्यों नहीं?

Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Oct, 2019 02:26 PM

ayodhya case

दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर गई है। 38वें दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विवादित इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्जा बता रहे...

अयोध्याः दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर गई है। 38वें दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विवादित इमारत पर हमेशा से मुसलमानों का कब्जा बता रहे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन से सवाल किया कि जब बाहरी हिस्से में हिंदू राम चबूतरा और सीता रसोई बनाकर पूजा करते थे, फिर यहां आपका कब्जा कैसे हुआ? इस पर धवन ने कहा कि विचित्र बात है कि सिर्फ मुस्लिम पक्षकारों से ही सवाल पूछे जा रहे हैं। दूसरे पक्ष से कोर्ट सवाल नहीं करता। सारे सवाल सिर्फ हमसे ही किए गए हैं। निश्चित ही हम उनका जवाब देंगे।

धवन के इस कथन का रामलला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने जोरदार प्रतिवाद किया और कहा, ‘यह पूरी तरह से अनावश्यक है।' धवन ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब संविधान पीठ ने कहा कि विवादित स्थल पर लोहे की ग्रिल लगाने का मकसद बाहरी बरामद से भीतरी बरामदे को अलग करना था। कोर्ट ने कहा कि लोहे का ग्रिल लगाने का मकसद हिंदुओं और मुसलमानों को अलग-अलग करना था और यह तथ्य सराहनीय है कि हिंदू बाहरी बरामदे में पूजा-अर्चना करते थे जहां ‘राम चबूतरा', ‘सीता रसोई' ‘भंडार गृह' थे।

शीर्ष अदालत ने धवन के इस कथन का भी संज्ञान लिया कि हिंदुओं को सिर्फ अंदर प्रवेश करने और स्थल पर पूजा-अर्चना करने का ‘निर्देशात्मक अधिकार' था और इसका मतलब यह नहीं है कि विवादित संपत्ति पर उनका मालिकाना हक था। पीठ ने सवाल किया कि जैसा आपने कहा कि उनके पास प्रवेश और पूजा अर्चना का अधिकार था, क्या यह आपके मालिकाना अधिकार को कमतर नहीं करता। पीठ ने यह भी कहा कि संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व के मामले में क्या किसी तीसरे पक्ष को प्रवेश और पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जा सकता है।

10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू
अयोध्या विवाद के संभावित फैसले को लेकर 10 दिसंबर तक अयोध्या में धारा 144 लागू कर दी गई है। डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि अयोध्या विवाद के संभावित फैसले, दीपोत्सव, चेहल्लुम व कार्तिक मेले को लेकर 2 महीने तक जनपद में धारा-144 लागू रहेगी। अयोध्या फैसले को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। बता दें कि दलीलों के दरवाजे इसी हफ्ते बंद हो जाएंगे और मामले पर फैसला दिवाली के बाद सुनाया जाएगा।

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