अयोध्या केस से हटाए गए मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन, फेसबुक पर छलका दर्द

Edited By Deepika Rajput,Updated: 03 Dec, 2019 10:34 AM

advocate of muslim side rajiv dhawan removed from ayodhya case

अयोध्या मामले में अपनी तीखी दलीलों और हिंदू पक्षकार के तर्कों पर कड़क जवाब देकर सुर्खियां बटोर चुके मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल राजीव धवन उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका में जिरह नहीं करेंगे। पुनर्विचार...

अयोध्याः अयोध्या मामले में अपनी तीखी दलीलों और हिंदू पक्षकार के तर्कों पर कड़क जवाब देकर सुर्खियां बटोर चुके मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, राजीव धवन उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका में जिरह नहीं करेंगे। पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने उनको मामले से हटा दिया है।

वहीं इसके बाद धवन ने फेसबुक पोस्ट कर अपने जज्बात जाहिर किए हैं। उन्होंने लिखा कि, 'मुझे सूचना मिली है कि अरशद मदनी ने संकेत दिए हैं कि मुझे खराब तबीयत के कारण हटाया है। यह पूरी तरह से बकवास है। उन्हें यह अधिकार है कि वह अपने वकील एजजा मकबूल को निर्देश दें कि वह मुझे हटा दें, उन्होंने यही किया है लेकिन इसके पीछे दिया जाने वाला कारण पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और झूठा है।'

इस मामले में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एजाज मकबूल ने कहा कि यह कहना गलत है कि धवन को उनकी बीमारी के कारण केस से हटा दिया गया। मुद्दा यह है कि मेरे मुवक्किल (जमीयत उलेमा-ए-हिंद) कल ही रिव्यू पिटिशन दायर करना चाहते थे। जिसे धवन को पूरा करना था। मैं उनका नाम याचिका में नहीं दे सका, क्योंकि वह उपलब्ध नहीं थे। यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

दूसरी तरफ, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राजीव धवन को मनाने की कोशिश कर रहा है। बोर्ड का कहना है कि धवन को केवल जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के वकील के तौर पर हटाया गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड चाहता है कि इस मामले में जो दूसरे मुस्लिम पक्ष है उनकी तरफ से धवन केस लड़े। आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के सदस्य और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी सहित अन्य राजीव धवन से मिलने जाएंगे।

अयोध्या मामले में गत 9 नवंबर को शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के करीब 3 हफ्ते बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। 217 पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!