कलश स्थापना नहीं कर पाए तो न हों परेशान, ऐसे करें नवरात्रि में 9 दिनों तक पूजा

Edited By Monika,Updated: 22 Sep, 2025 02:01 PM

kalash sthapana nahin kar pae to na hon pareshan navratri meinaise kare pooja

कलश स्थापना का अर्थ है ब्रह्मांड में विद्यमान शक्ति तत्व को अपने घर में आमंत्रित करना। कलश को ऊर्जा और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

नारी डेस्क : शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरुआत सोमवार, 22 सितंबर से हो चुकी है और इसका समापन 1 अक्टूबर 2025 को नवमी तिथि के साथ होगा। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घट स्थापना का विशेष महत्व होता है। इसे नवरात्रि पूजा की शुरुआत माना जाता है।

कलश स्थापना का महत्व

कलश स्थापना का अर्थ है ब्रह्मांड में विद्यमान शक्ति तत्व को अपने घर में आमंत्रित करना। कलश को ऊर्जा और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसे घर के ईशान कोण (पूर्व-उत्तर दिशा) में स्थापित किया जाता है। मान्यता है कि कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं।

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यदि कलश स्थापना न कर पाए तो क्या करें?

पूजा स्थल की तैयारी: सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति रखें। तस्वीर के सामने चावल, फूल, रोली और जल का पात्र रखें।

दीपक और धूप जलाना: सुबह और शाम दीपक जलाएं। संभव हो तो घी का दीपक जलाएं, वरना तिल के तेल का दीपक भी शुभ होता है। दीपक को पूजा स्थल के दाईं ओर रखें।

मां दुर्गा का आह्वान: मां दुर्गा को अक्षत (चावल), सिंदूर और फूल अर्पित करें। “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करें।

भोग अर्पण: प्रतिदिन ताजे फल, मिश्री, गुड़ या सूखे मेवे का भोग चढ़ाएं। यदि संभव हो तो नौ दिनों में एक दिन खीर या हलवा भी बनाकर अर्पित करें।

दुर्गा चालीसा या सप्तशती पाठ: रोजाना दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करें। अगर समय कम है तो केवल "अथ नमस्तस्ये" मंत्र का पाठ भी कर सकते हैं।

संकल्प और नियम: नौ दिनों तक एक ही समय पर पूजा करने का प्रयास करें। व्रत रखते हैं तो सात्त्विक भोजन करें। नवरात्रि के दौरान किसी का अपमान न करें और क्रोध से बचें।

कंजक पूजन (अष्टमी/नवमी): नवरात्रि के अंतिम दिन (अष्टमी या नवमी) को कंजक पूजन करें। छोटी बच्चियों को घर बुलाकर उन्हें भोजन कराएं और पैर छूकर आशीर्वाद लें।

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पूजा से मिलेगा पूर्ण फल

मान्यता है कि पूजा में भाव और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। यदि आप कलश स्थापना नहीं कर पाए हैं, लेकिन पूरी निष्ठा और नियम से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, तो भी आपको नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त होगा।नवरात्रि पूजा में सबसे ज्यादा महत्व आपके मन की श्रद्धा और भक्ति का है। अगर आप कलश स्थापना नहीं कर सके, तो भी इन आसान विधियों से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
 

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