Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 06:39 PM
एक समय चंबल घाटी की खूंखार दस्यु सुंदरी रही फूलन देवी की तर्ज पर दूसरी महिला डाकू नीलम गुप्ता ने भी राजनीति में अपनी किस्मत अजमाने का मन बना लिया है। नीलम ने हाेने वाले निकाय चुनाव में इटावा नगर पालिका सीट से अपनी दावेदारी पेश की है।
इटावा(अरवीन कुमार)-एक समय चंबल घाटी की खूंखार दस्यु सुंदरी रही फूलन देवी की तर्ज पर दूसरी महिला डाकू नीलम गुप्ता ने भी राजनीति में अपनी किस्मत अजमाने का मन बना लिया है। नीलम ने हाेने वाले निकाय चुनाव में इटावा नगर पालिका सीट से अपनी दावेदारी पेश की है।
सजा काटने के बाद राजनीति में उतरने का फैसला
चंबल के मारे गये दस्यु निर्भय गूर्जर की पत्नी नीलम गुप्ता ने अपने गुनाहों की 12 साल सजा काटने के बाद आगामी नगर निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने का फैसला लिया है। नीलम गुप्ता ने आज यहां एक पत्रकार वार्ता में इस बात की पुष्टि करते हुए दावा किया कि वो आने वाले दिनों मे इटावा नगर पालिका सीट से नगर पालिका चैयरमैन के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ूंगी लड़ाई
उन्होंने कहा कि इटावा की जनता अगर उन्हें मौका देती है तो वह महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी और नगर में विकास को महत्व देते हुए पिछले चेयरमैन से ज्यादा विकास करके दिखाएंगी।
12 वर्ष की आयु में हुआ अपहरण
उन्होंने बताया कि जब वह 12 वर्ष की थीं तब कक्षा 6 की छात्रा थीं, तभी उनका डकैत निर्भय गुर्जर के द्वारा अपहरण करवा लिया गया। हमें डरा-धमका कर बन्दूक चलाना सिखाया गया था। करीब 3 साल के बाद डकैतों के चंगुल से किसी तरह भागकर हमने 31 जुलाई 2004 को इटावा की एंटी डकैती कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। फिर उन्हें इटावा जेल भेज दिया गया था। इटावा जेल के बाद हमें लखनऊ की नारी बंदीगृह भेज दिया गया। उम्र में नाबालिग होने के बाद भी उन्हें अपनी जिन्दगी के 12 साल जेल की कोठरी में काटने पड़े। 12 साल बाद हमें दोषमुक्त कर जेल से रिहा किया गया है। अब हमने समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए नगर पालिका चुनाव में नामांकन कर चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
नीलम-श्याम जाटव के समर्पण से सकते में आ गई थी इटावा पुलिस
31 जुलाई 2004 को नीलम गुप्ता ने डाकू निर्भय गुर्जर दत्तक पुत्र श्याम जाटव के साथ इटावा की एंटी डकैती कोर्ट में समर्पण कर दिया था। नीलम गुप्ता और श्याम जाटव के समर्पण से इटावा पुलिस सकते में आ गई थी। नीलम ने अपने समर्पण के बाद कहा था कि उसको उसके किसी नजदीकी ने अपहरण करने के बाद दो लाख रूपये में निर्भय गुर्जर को बेच दिया था। समर्पण के बाद नीलम-श्याम दोनों ने अदालत में दलीलें पेश की वो डकैत नहीं बल्कि अपहृत हैं।
वैसे चंबल से निकली किसी भी महिला डकैत ने भले ही राजनैतिक तौर पर अपनी किस्मत अजमाई हो लेकिन कामयाबी सिर्फ फूलन देवी को ही मिली है। अब नीलम गुप्ता ने भी उन्हीं की राह पकड़ी है। देखना ये भी दिलचस्प हाेगा कि इटावा की जनता नीलम काे कितना कामयाब बनाती है।