उत्तराखंड सरकार ने हटाया हरिद्वार में गंगा का 'एस्केप चैनल' का दर्जा

Edited By Nitika,Updated: 03 Dec, 2020 10:24 AM

ganga escape channel status ends in haridwar

उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा का ''एस्केप चैनल'' का दर्जा हटा दिया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में जारी आदेश में वर्ष 2016 में निर्गत शासनादेश के उस बिंदु को हटा दिया गया है, जिसमें गंगा को एस्केप चैनल का...

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा का 'एस्केप चैनल' का दर्जा हटा दिया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में जारी आदेश में वर्ष 2016 में निर्गत शासनादेश के उस बिंदु को हटा दिया गया है, जिसमें गंगा को एस्केप चैनल का दर्जा दिया गया था।

यह आदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उस घोषणा के क्रम में आया है, जो उन्होंने 22 नवंबर को अखाड़ा परिषद और गंगा सभा के पदाधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक के दौरान की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि हर की पौड़ी को एस्केप चैनल से मुक्त रखा जाएगा तथा हर की पौड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकार रखा जाएगा। दिसंबर, 2016 में तत्कालीन हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा गंगा को एस्केप चैनल घोषित कर दिया गया था, जिसका गंगा सभा और साधु-संत लंबे समय से विरोध कर रहे थे और उसका अविरल धारा का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे थे। एस्केप चैनल नदी से निकलने वाली उस नहर को कहते हैं, जिसका उपयोग नदी में आए अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए किया जाता है।

वहीं गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि गंगा नदी आस्था का प्रतीक है और उसकी प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास स्वीकार नहीं किया जा सकता था। उन्होंने गंगा की प्रतिष्ठा बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी पिछले दिनों अपनी सरकार की इस गलती को स्वीकार किया था और त्रिवेंद्र सिंह रावत से इसे सुधारने को कहा था।

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