जिस महिला की हत्या के आरोप में युवक ने काटी 14 माह जेल, वो महाराष्ट्र में मिली जिंदा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Oct, 2020 05:42 PM

young man jailed for 14 months on the charge of killing

उन्नाव से एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। जिसने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस महिला की हत्या में युवक को जेल भेजा वह महाराष्ट्र में बेफिक्री से नौकरी कर रही थी। पुलिस ने 2018 में हत्या की जा चुकी महिला की मौत का खुलासा...

उन्नावः उन्नाव से एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। जिसने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस महिला की हत्या में युवक को जेल भेजा वह महाराष्ट्र में बेफिक्री से नौकरी कर रही थी। पुलिस ने 2018 में हत्या की जा चुकी महिला की मौत का खुलासा किया। जिसमें महिला के पति द्वारा नामजद किया गया युवक 14 माह से जेल में बंद था और अब वो जमानत पर बाहर आया हुआ है। इस पूरे घटना क्रम में सबसे खास बात यह है कि वह मृत महिला आज करीब 30 महीने बाद जिंदा मिली। महिला के जीवित सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं बड़ी बात यह भी है कि अगर यह महिला जीवित है तो उस दौरान मिला शव आखिर किसका था। बता दें कि महिला ने महाराष्ट्र में रहने के दौरान एक बैंक से ATM जारी करवाया था, जो यहां उन्नाव में महिला के आधार कार्ड पर लिखे पते पर डिलीवर हुआ। ATM डिलीवर होते ही परिजनों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी।
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बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला जुराखनखेड़ा के रहने वाले योगेंद्र कुमार ने 22 मार्च 2018 को मोहल्ले के प्रमोद वर्मा पुत्र जगदीश वर्मा पर पत्नी को भगा ले जाने का आरोप लगाया और रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें लिखा गया कि 8 मार्च 2018 को करीब 4 बजे योगेंद्र कुमार उसकी पत्नी को बहला फुसला कर कहीं भगा ले गया है। इस घटना क्रम के 12 दिन बाद 2 अप्रैल 2018 को आसीवन थाना क्षेत्र के शेरपुर कलां गांव के पास एक अज्ञात युवती का जला हुआ शव पुलिस ने बरामद किया था। गांव के प्रधान किशनपाल ने पुलिस को घटना की सूचना दी और हत्या की रिपोर्ट दर्ज करा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की जलकर मौत होने की पुष्टि हुई थी। महिला की शिनाख्त न होने पर पुलिस ने 72 घंटे बाद महिला के शव का अंतिम संस्कार करवाया।

उस दौरान कहीं से आसीवन क्षेत्र में योगेंद्र को एक अज्ञात महिला के शव मिलने की सूचना मिलती है, उसके बाद 27-05-2018 को मृतका की पीएम पोटली, फोटो, कपड़े, चूड़ी आदि देखकर उसके पति योगेन्द्र कुमार, माता गायत्री देवी बहन महिमा, प्रेमा देवी, रमाकान्ती ने योगेन्द्र की पत्नी के रुप में पहचान की थी। तत्कालीन थाना प्रभारी सियाराम वर्मा ने जांच शुरू की। इस दौरान पति की तहरीर के आधार पर पड़ोसी प्रमोद वर्मा को आरोपी बनाया। वर्तमान थाना प्रभारी राजेश सिंह ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मृतक महिला उसकी पुत्री गौरी व अन्य परिजनों की कोर्ट से डीएनए कराने की मांग की। डीएनए रिपोर्ट परिवार से मेल नहीं खा रही थी। जिसके बाद पुलिस यह समझ गई कि मृत महिला कोई और है। जिसके बाद पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को तेज कर महिला की खोज शुरू की।

इसी बीच लोगों की नज़र में मर चुकी युवती ने महाराष्ट्र की एक्सिस बैंक कि एक ब्रांच से एटीएम इश्यू कराने में आधार कार्ड लगाया। 'आधार कार्ड' में ससुराल जुराखन खेड़ा (सदर कोतवाली उन्नाव) का पता होने पर बीते महीने युवती का एटीएम कार्ड उन्नाव में डिलीवर हुआ तो ससुरालियों के होश उड़ गए और युवती की उलटी गिनती शुरू हो गई। वहीं पुलिस सूत्रों की मानें तो योगेन्द्र कुमार ने सदर कोतवाली पुलिस को एटीएम के बारे में जानकारी दी तो पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए और पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की। वहीं एसपी उन्नाव आनंद कुलकर्णी ने सर्विलांस टीम को मामले की जांच में लगाया। इस दौरान युवती की लोकेशन महाराष्ट्र के अहमद नगर में ट्रेस हुई। जिस पर पुलिस ने युवती की निगरानी शुरू की। बीते 11 अक्टूबर को गुपचुप तरीके से श्रद्धा गुप्ता एक युवक के साथ ट्रेन से उन्नाव के लिए रवाना हुई थी। तभी पुलिस ने 13 अक्टूबर की शाम घेरेबंदी कर कानपुर सेंट्रल स्टेशन से गिरफ्तार कर उन्नाव लाई। जहां पूछताछ में युवती ने पुलिस को बताया कि पति के लड़ाई झगड़े से तंग आकर वह महाराष्ट्र चली गई थी। मौत की जानकारी होने पर परिजनों से संपर्क नहीं किया और वहीं हॉस्पिटल में जॉब कर ली और एक हॉस्टल में रह रही थी। बताया कि जरूरी काम से आईं थीं तभी कानपुर सेंट्रल स्टेशन से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

वहीं इस पूरे मामले में एसपी उन्नाव ने बताया कि गायब महिला के पति ने प्रमोद वर्मा के विरूद्व हत्या का केस दर्ज कराया था। जिसके बाद वह जेल चला गया था। कोर्ट से बेल मिलने के बाद वह वर्तमान समय में बाहर है। उन्होंने बताया कि करीब वह 14 माह तक जेल में रहा। उन्होनें बताया कि महिला के जिंदा बरामद होने के बाद कोर्ट को रिपार्ट भेजकर अवगत कराया जाएगा। लेकिन इस मामले के सामने आने बाद पुलिस की जांच पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिर उस दौरान ही पुलिस ने मृत महिला का डीएनए परिवार वाले से क्यों नही मैच करवाया? यह कार्य 20 माह बाद क्यों किया गया? आखिर बेगुनाह होने बाद भी प्रमोद को 14 माह जेल में रहना पड़ा क्यों? इसके साथ ही एक और बड़ा सवाल पुलिस के सामने खड़ा है कि उस दौरान मिली डेड बॉडी आखिर किसकी थी? जला कर मौत के घाट उतारी गई महिला कौन थी? हालाकिं अब एसपी आनंद कुलकर्णी ने इस घटना का सही ढंग से अनावरण करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। 

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