Edited By Pooja Gill,Updated: 18 Jul, 2024 11:20 AM

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कुछ दिन पहले एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की त्रासद घटना के बाद सुर्खियों में आए स्वयंभू बाबा हरिनारायण साकार उर्फ़ ‘भोले' बाबा ने कहा कि वह हाथरस भगदड़ से बहुत व्यथित हैं...
Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कुछ दिन पहले एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की त्रासद घटना के बाद सुर्खियों में आए स्वयंभू बाबा हरिनारायण साकार उर्फ़ ‘भोले' बाबा ने कहा कि वह हाथरस भगदड़ से बहुत व्यथित हैं, लेकिन नियति में लिखे को कोई टाल नहीं सकता और सभी को एक दिन मरना ही है। उन्होंने कहा कि वह दो जुलाई की घटना के बाद से ‘‘अवसाद ग्रस्त और अत्यंत व्यथित हैं लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। जो आया है उसे एक दिन तो जाना भी है।" यह बात उन्होंने उनके 'सत्संग' में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत होने की घटना के एक पखवाड़े बाद कही।
बाबा ने लगाए ये आरोप
सूरजपाल ने अपने वकील ए.पी. सिंह के पूर्व में दिए गए एक बयान को दोहराते हुए कहा, "हमारे वकील डॉक्टर ए. पी. सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने जिस विषैले स्प्रे के बारे में बताया है, वह पूर्णतय: सत्य है, कोई ना कोई साजिश जरूर हुई है।" उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हैं जो सनातन और सत्य के आधार पर चलने वाले उनके संगठन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें एसआईटी (विशेष जांच दल) और न्यायिक आयोग पर पूरा भरोसा है तथा मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम के सभी अनुयायियों को भी पूरा भरोसा है कि वे दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए साजिशकर्तों को बेनकाब करेंगे।" बाबा ने कहा, "हमने महापुरुषों से दिवंगत आत्माओं के परिजनों और इलाज करवा रहे घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन-मन-धन से खड़े रहने की अपील की है, जिसको सभी महापुरुषों ने अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार मानना भी शुरू किया है।"
दो जुलाई को हुई थी घटना
गौरतलब है कि दो जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले' बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गयी थी। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी और न्यायिक आयोग का गठन किया है। भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था। एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया। एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया है। रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया है और दावा किया गया है कि उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की और प्रशासन की जिम्मेदारी भी तय की गई है।