मौत की खबर सुनते ही फूट- फूटकर रोया पिता, बोला- IIT ने मेरे बेटे को निगल लिया, हॉस्टल के कमरे में छात्र का लटका मिला था शव

Edited By Ramkesh,Updated: 02 Oct, 2025 05:24 PM

upon hearing the news of his death his father broke down in tears

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर (आईआईटी-के) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के एक छात्र को उसके छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि साथियों ने उसके बंद कमरे से दुर्गंध आने...

कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर (आईआईटी-के) में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के एक छात्र को उसके छात्रावास के कमरे में मृत पाया गया। पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि साथियों ने उसके बंद कमरे से दुर्गंध आने की जानकारी दी थी। पुलिस को दी गयी जानकारी के अनुसार, हरियाणा निवासी धीरज सैनी (22) छात्रावास-एक के अपने कमरा संख्या 123 से कई दिनों से बाहर नहीं निकला था।

कमरे नहीं मिला कोई सुसाइड नोट
सहायक पुलिस आयुक्त (कल्याणपुर) रंजीत कुमार ने बताया कि उसके बंद कमरे से बुधवार को दुर्गंध आने पर साथियों ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, उसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि दरवाजा तोड़ने पर छात्र का शव पंखे से रस्सी के सहारे लटका पाया गया। पुलिस ने बताया कि वहां आत्महत्या से पहले लिखा गया कोई पत्र (सुसाइड नोट) बरामद नहीं हुआ है। पीड़ित छात्र ने कुछ दिन पहले अपने परिवार को बताया था कि वह दिसंबर में घर लौटेगा।

पिता बोले- आईआईटी ने मेरे बेटे को निगल लिया
एसीपी ने बताया कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि संभव हो सकेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है, तो आगे की जांच की जाएगी।'' धीरज के पिता सतीश सैनी मिठाई की एक दुकान चलाते हैं। सैनी ने पुलिस को बताया, ‘‘आईआईटी-के ने मेरे बेटे को निगल लिया। वह मेरा हीरा था। मैं बता नहीं सकता कि मैंने उसे पढ़ाने के लिए कितनी मेहनत की।

दिसंबर में घर आने वाला था धीरज
उन्होंने बताया कि धीरज ने आखिरी बार कुछ दिन पहले ही अपनी बड़ी बहन से बात करके बताया था कि वह दिसंबर में घर आएगा और उसे मार्च तक ‘कैंपस प्लेसमेंट' के जरिये नौकरी मिलने की उम्मीद है। छात्रावास के साथियों के अनुसार, धीरज शांत रहता था। साथियों ने मान लिया था कि संभव है धीरज छुट्टी पर घर गया होगा, इसलिए जब तक उसके कमरे से दुर्गंध नहीं आने लगी, तब तक किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया।
 

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