Magh Mela में संस्कृति, धर्म और इतिहास की अनोखी प्रदर्शनी कर रही श्रद्धालुओं को आकर्षित....जानें क्या हैं विशेषताएं?

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Jan, 2023 02:31 PM

त्रिवेणी के तट पर आस्था के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले (Magh Mela) में देश और विदेश से श्रद्धालु (Devotee) आ रहे हैं। ऐसे में भारत (India) की संस्कृति, धर्म और इतिहास के बारे में लोग और जागरूक हो और इसके महत्व का पूरे विश्व में विस्तार हो इसके...

प्रयागराज(सैय्यद रजा): त्रिवेणी के तट पर आस्था के सबसे बड़े धार्मिक मेले माघ मेले (Magh Mela) में देश और विदेश से श्रद्धालु (Devotee) आ रहे हैं। ऐसे में भारत (India) की संस्कृति, धर्म और इतिहास के बारे में लोग और जागरूक हो और इसके महत्व का पूरे विश्व में विस्तार हो इसके लिए संगम की रेती पर लगे माघ मेले (Magh Mela) में एक अनोखी प्रदर्शनी (Exhibition) लगाई गई है। इस प्रदर्शनी (Exhibition) में एक तरफ रामायण (Ramayana) के पाठों का उल्लेख चित्रों के माध्यम से किया गया है जबकि दूसरी तरफ प्रयागराज (Prayagraj) के ऐतिहासिक मंदिर (Temple) और प्रमुख स्थानों की भी तस्वीर (Picture) लगाई गई है जिसको देखने के लिए हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु (Devotee) आ रहे हैं।

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माघ मेले में रामायण के अंशों की लगाई गई एक अद्भूत प्रदर्शनी
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में लगे माघ मेले में रामायण के अंशों की एक अद्भुत प्रदर्शनी लगाई गई है। मेला क्षेत्र के परेड ग्राउंड में ये प्रदर्शनी उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में रामायण में उल्लेख कई घटनाओं को चित्रों के माध्यम से सजाया गया है। इस प्रदर्शनी को देखने के लिए हर रोज भारी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। जो भी श्रद्धालु संगम तट पर आस्था की डुबकी लगा रहा है उसमें अधिकतर श्रद्धालु इस प्रदर्शनी को देखने आ रहे हैं। प्रदर्शनी में रामायण के कई अंश जैसे भगवान राम द्वारा किया गया वनवास का वर्णन हो या फिर हनुमान जी और  लक्ष्मण जी के साथ उनका  वार्तालाप, या फिर हनुमान जी का लंका दहन हो जैसे कई चित्रों को लगाया गया है।

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प्रयागराज के कई मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर की भी लगाई गई है तस्वीर
इसके साथ ही दूसरी तरफ प्रयागराज के कई मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहर की भी तस्वीर लगाई गई है। जिसमें शक्ति पीठ और सिद्धि पीठ मंदिर, आनंद भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसी कई तस्वीरें लगाई गई हैं। प्रदर्शनी को देखने के लिए भारी संख्या में लोग आ रहे हैं और जमकर प्रशंसा भी कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी सभी लोगों के लिए निशुल्क है कोई भी इस प्रदर्शनी को देखने के लिए आ सकता है वह भी बिना पैसा खर्च किए। प्रदर्शनी का मूल मकसद ये है कि लोग रामायण का पाठ तो करते हैं साथ ही इस प्रदर्शनी के माध्यम से रामायण को और समझ सके। प्रदर्शनी देखने आ रहे लोगों का कहना है कि इस अनोखी प्रदर्शनी के माध्यम से वो तो और जागरूक हो रहे हैं साथ ही साथ बच्चे भी तस्वीरों को देख कर के रामायण को समझ रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, नवयुवक सभी इस प्रदर्शनी की जमकर सराहना करते हुए नजर आ रहे हैं।

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18 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ होगा इस प्रदर्शनी का समापन
आपको बता दें कि तंबुओं के अस्थाई शहर में लगी इस प्रदर्शनी का समापन 18 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ होगा। उल्लेखनीय है कि देश का हर नागरिक भारतीय इतिहास के बारे में जाने, संस्कृति के बारे में जाने, धर्म के बारे में जाने, इस उद्देश्य के साथ देश में यह प्रदर्शनी लगाई गई है।

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