Edited By Purnima Singh,Updated: 01 Jul, 2025 03:40 PM

इटावा में कथावाचक के साथ हुई घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव तक अलग-अलग मंचों पर अपने राजनीतिक हितों को साधते हुए बयान दे रहे हैं .....
बरेली (जावेद खान) : इटावा में कथावाचक के साथ हुई घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव तक अलग-अलग मंचों पर अपने राजनीतिक हितों को साधते हुए बयान दे रहे हैं। इसी दरमियान मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने भी एक बड़ा बयान दे डाला। मौलाना ने इन दोनों लोगों से आगे बढ़कर हिंदू कथावाचकों और मौलवी वक्ताओं और शायरों को भी लपेटे में ले लिया और खुब खरी खोटी सुनाई।
'मुशायरों में शामिल होते हिंदू-मुस्लिम शायर'
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस को जारी किये गये बयान में कहा कि मौजूदा समय में गरीब आदमी को कोई धार्मिक आयोजन कराना बहुत मुश्किल और महंगा पड़ता है। हिंदुओं के कार्यक्रम को सम्बोधित करने के लिए कथावाचको को बुलाया जाता है, बिल्कुल इसी तरह मुसलमानों के कार्यक्रम में तकरीर करने के लिए मौलवी को बुलाया जाता है। बाज़ शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए मुशायरे आयोजित होते हैं। उसमें हिंदू शायर और मुस्लिम शायर बुलाये जाते हैं।
'शायर मंचों पर करते गलाबाज़ी'
ये तीन कैटेगरी के लोग होते हैं, जिसमें कथावाचक और मौलवी धर्म का टाईटल लगाये हुए होते हैं और अदब के नाम पर शायर मंचों पर गला बाज़ी की कला दिखाते हैं। इन तीनों ग्रुपों की हालत यह है कि आयोजकों से पहले अपना पैसा तय करते हैं, फिर अपना समय देते हैं। कार्यक्रम में पहुंचने से पहले अपने अकाउंट में पहले पैसा डलवाते हैं। फिर कही बाद में कार्यक्रम में पहुंचते हैं। इन तीनों कैटगरी के लोगों ने अपना धंधा पानी सेट करने के लिए एक निजी सचिव रख रखा है। वो व्यक्ति इन लोगों के मोलभाव तय करता है, मोटी रकम लेने के बाद सारे मामलात तय हो जाते हैं।
'सौ फीसद दुरुस्त है अखिलेश यादव की बात'
मौलाना ने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कथावाचकों के बारे में जो कुछ कहा, उनकी बात सौ फीसद दुरुस्त है। मैं इनका समर्थक नहीं हूं, मगर उन्होंने आज जो सच्ची बात कही है वो दिल और दिमाग से कही है। वो सच्ची बात है और समाज को आईना दिखाने वाली बात है। इसलिए मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं।
'धर्म के नाम पर हो रही दुनिया दारी'
मौलाना ने कहा कि यह लोग धर्म के नाम पर दुनिया दारी कर रहे हैं। अपने चहरे और लिबास पर धर्म का टाईटल लगा रखा है और धर्म की आड़ में न जाने कौन कौन से दुनिया दारी के काम अंजाम दे रहे हैं। इनका दावा है कि हम धर्म का प्रचार-प्रसार और सेवा कर रहे हैं। इनका दावा खोखला और समाज को दोखा देने वाला और भ्रमित करने वाला है। ये लोग धर्म के सेवक नहीं बल्कि धर्म कि आड़ में अपने परिवार की सेवा में लगे हुए हैं।
'कथावाचकों, मौलवियों, शायरों को अपने कार्यक्रमों में न बुलाएं'
मौलाना ने हिंदू और मुस्लिम जनता से आह्वान करते हुए कहा कि ऐसे कथावाचकों, मौलवियों और शायरों को अपने कार्यक्रमों में न बुलाएं, बल्कि इनका बायकॉट करें। हां कुछ लोग अच्छे भी हैं, जो कथा और तकरीर करने के पैसे तय नहीं करते हैं। वो लोग जरूर धर्म के सेवक हैं। ऐसे अच्छे लोगों को अपने कार्यक्रमों में बुलायें, ताकि समाज में अच्छा पैगाम जाये और उनके माध्यम से समाज में घुस आयी बुराईयों को दूर किया जा सके।