Edited By Anil Kapoor,Updated: 27 Jun, 2025 08:01 AM

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां कुछ पैसों के लालच में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदलकर हत्यारे को बचाया जा रहा था और निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा था। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का एक फार्मासिस्ट और उसका...
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां कुछ पैसों के लालच में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदलकर हत्यारे को बचाया जा रहा था और निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा था। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का एक फार्मासिस्ट और उसका साथी कंप्यूटर ऑपरेटर पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। दोनों को जेल भेज दिया गया है। डीएम ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच कमेटी भी गठित कर दी है।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला रजपुरा थाना इलाके के एक गांव का है, जहां 19 मई को एक लड़की की हत्या हुई थी। लड़की के पिता को उसके प्रेम प्रसंग से परेशानी थी। नाराज होकर उसने अपने बेटे और साथियों के साथ मिलकर लड़की की हत्या कर शव को फांसी पर लटका दिया। इसके बाद लड़की के प्रेमी और उसके भाई पर हत्या का आरोप लगाया गया।
रिपोर्ट बदलवाने का खेल
हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए आरोपी पक्ष ने एक फार्मासिस्ट से 50 हजार रुपए में सौदा किया, ताकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेराफेरी की जाए और हत्यारे बच जाएं, जबकि प्रेमी जेल में चले जाएं। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ।
गिरफ्तारी और साक्ष्य
पुलिस ने लड़की के पिता, भाई और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही फार्मासिस्ट और कंप्यूटर ऑपरेटर को भी भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा गया। पुलिस को इन दोनों के मोबाइल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने की चैट और रिश्वत के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के साक्ष्य भी मिले हैं।
जांच का दायरा बढ़ा, दर्जनों डॉक्टर रडार पर
जांच के दौरान यह भी पता चला कि जुनावई और असमोली इलाके में भी ऐसी ही गड़बड़ियां हो रही हैं, जहां पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्याएं छुपाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और दर्जनों डॉक्टर इस मामले की जांच के दायरे में आ गए हैं। असल में पोस्टमार्टम रिपोर्ट डॉक्टर लिखते हैं, इसलिए डॉक्टरों की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।
50 हजार रुपए में खेला जा रहा था बड़ा खेल
सूत्रों के अनुसार, फार्मासिस्ट द्वारा 50 हजार रुपए की रिश्वत लेकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छुपाने और बदलने का काम होता था। पुलिस को इस पूरे खेल की गहरी पैठ मिली है। बताया जा रहा है कि इस घोटाले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी और सीएमओ ने भी गोपनीय बैठकें कीं। आरोपियों को जब पुलिस ने सबूत दिखाए तो उन्होंने गलती ना होने का दावा करते हुए माफी मांगी।
अब होगी कड़ी कार्रवाई
डीएम ने इस मामले को गंभीर मानते हुए एक जांच कमेटी गठित की है, जो मामले की गहनता से जांच करेगी। इस जांच में अधिकारियों, डॉक्टरों और कई अन्य कर्मचारियों की भूमिका पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। इस घोटाले के बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।