Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Oct, 2019 02:59 PM
उत्तर-प्रदेश के सहारनपुर में मौलाना तौकीर रजा के बयान पर देवबंद के उलेमा ने आपत्ति जताई है। उलेमा का कहना है कि मौलाना को पता होना चाहिए कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला देता है तो उसे मनवाने की ताकत...
सहारनपुर: उत्तर-प्रदेश के सहारनपुर में मौलाना तौकीर रजा के बयान पर देवबंद के उलेमा ने आपत्ति जताई है। उलेमा का कहना है कि मौलाना को पता होना चाहिए कि अगर सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला देता है तो उसे मनवाने की ताकत भी रखता है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा वह सभी को मानना होगा।
जानाकारी मुताबिक आला हजरत दरगाह के मौलाना तौकीर रजा ने कहा है कि- अगर मस्जिद के हक में फैसला आ गया तो भी हम इस फैसले को तामील नहीं करा पाएंगे। इसलिए सबसे अच्छा होगा कि हिंदू-मुसलिम आपस में मिलकर भाईचारे से इसका समाधान करें।
सुप्रीम कोर्ट के पास फैसला मनवाने की भी ताकत मौजूद: मौलाना कारी मुस्तफा देहलवी (अध्यक्ष, इत्तेहाद-उलेमा-ए-हिंद)
उनके इस बयान को लेकर मौलाना कारी मुस्तफा देहलवी ने कहा कि मौलाना तौकीर रजा साहब का बाबरी मस्जिद पर जो बयान आया है। वह मौलाना तौकीर रजा साहब की अपनी जातीय राय हो सकती है। मौलाना तौकीर रजा साहब को ये भी मालूम होना चाहिए कि माननीय सुप्रीम कोर्ट जब फैसला देने का हक रखती है तो माननीय सुप्रीम कोर्ट के पास फैसला मनवाने की भी ताकत मौजूद है। सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला बाबरी मस्जिद के ताल्लुक से आएगा वह सब के लिए मान्य होगा।