Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Jan, 2023 12:03 PM
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लखनऊ: कभी राम के नाम पर देश में होती राजनीति राम मंदिर के निर्माण होने के साथ थम गई तो अब देश में राजनीतिक दलों के बीच रामचरितमानस को लेकर एक अजीब सी बहस छिड़ती दिखाई दे रही है।राम को मानने वाले नेता भी जब रामचरितमानस को लेकर जब विवादित बयान देते हैं तो लोग उनकी घटिया मानसिकता को लेकर सवाल खड़े करते हैं।ताजा मामला यूपी में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से जुड़ा है जिन्होंने रामचरितमानस को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जिससे पूरे देश में उनके इस बयान की कड़ी निंदा की जा रही है।
दरअसल इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर खूब हो हल्ला मचा हुआ है देश में अलग-अलग जगहों पर उनका विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ उनके समर्थक रोड पर उतर आए हैं।इसी बीच रामचरितमानस को लेकर सपा नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताया है,उन्होंने कहा कि,रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है,तुलसीदास ने शूद्रों को अधम जाति कहा है जो कि सही नहीं है।
सपा नेता के बयान का चौतरफा विरोध
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा नेताओं ने उनका विरोध किया है।उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की वजह उनका डिप्रेशन बताया है उन्होंने कहा कि,सरकार से बाहर होकर स्वामी प्रसाद मौर्य चर्चा में आने के लिए फालतू की बयानबाजी कर रहे हैं।
रामचरितमानस को लेकर सपा नेता के विवादित बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सपा नेता के साथ ही समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा,सपा की पहचान समाज में टकराव और वैमनस्य फैलाना है अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय़ भी सपा सरकार ने हजारों कारसेवकों पर गोली चलवाई थी,यही उनकी पहचान है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर अपर्णा यादव का पलटवार
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता अपर्णा यादव ने कहा कि,भगवान राम भारत का चरित्र हैं,राम किसी धर्म या मजहब के नहीं हैं।प्रभु श्रीराम शांति का प्रतीक हैं,उन्होंने तो शबरी के झूठे बेर खाकर सतयुग में उदाहरण पेश किया है,सपा नेता ने भगवान श्रीराम के रामचरितमानस पर इस तरह की टिप्पणी कर खुद के चरित्र का चित्रण किया है।
फिलहाल रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान देकर घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी सफाई पेश करते हुए ये भी बताया कि,उन्होंने पूरी रामचरितमानस को लेकर ऐसा कुछ नहीं कहा बल्कि उसके कुछ अंश को लेकर उनको आपत्ति है और अगर वो नहीं हटाई गई तो ऐसे बयान आगे भी जारी रहेंगे।