Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Sep, 2022 09:13 PM
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार का नमक खाकर गन्ना मंत्री भी उनकी भाषा बोलने लगे हैं। गन्ना मंत्री को किसानों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए, लेकिन मिलों पर ताला लगाने की ओछी बात समझ से परे है।
लखनऊः भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार का नमक खाकर गन्ना मंत्री भी उनकी भाषा बोलने लगे हैं। गन्ना मंत्री को किसानों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए, लेकिन मिलों पर ताला लगाने की ओछी बात समझ से परे है। उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे बन रहे हैं, कहीं 11 लाख, कहीं एक करोड़, कहीं 50 हज़ार तक मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि जहां से हाइवे शुरू होते और जहां तक खत्म होते हैं, पूरे मार्ग पर एक समान मुआवजा किसानों को दिया जाए।
ऊर्जा मंत्री के हाल ही में आये एक बयान पर उन्होंने कहा कि वे किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। किसानों को आतंकवादी मान रही है सरकार, आंदोलन पहले भी होते रहे हैं। पहले भी किसानों से समय समय पर बात होती रही है फिर इस बार क्या दिक्कत आ रही है? कुछ मांगे सरकार ने मानी है तो कुछ कदम किसानों और सरकार ने भी समय-समय पर पीछे हटाए हैं।
नरेश टिकैत ने कहा कि आज खेती घाटे का सौदा साबित हो रहा है, फसलों के वाजिब दाम नहीं मिल रहे हैं। हमारी मांग है कि हरियाणा की तर्ज पर किसानों को यूपी में बिजली का दी जाए। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। सरकार चाहे तो बैठकर मामले का निपटारा हो सकता है, लेकिन पहल तो सरकार को करनी ही पड़ेगी।