Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Mar, 2025 11:56 PM

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पहचान छिपाकर रहने के दोषी पाकिस्तानी जासूस शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल की 17 साल की सजा पूरी होने के बाद अब उसे वापस अपने देश भेजा जायेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसएसपी रोहित सजवान ने आज बताया कि 2008 में...
Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पहचान छिपाकर रहने के दोषी पाकिस्तानी जासूस शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल की 17 साल की सजा पूरी होने के बाद अब उसे वापस अपने देश भेजा जायेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए एसएसपी रोहित सजवान ने आज बताया कि 2008 में इसे पंजाब पुलिस ने पटियाला से गिरफ्तार किया था। वर्तमान में वह नोएडा जेल में बंद था। मूल रूप से वह पाकिस्तान के कसूर जिले का रहने वाला हैं। एसएसपी ने बताया कि सहारनपुर कोर्ट ने सजा सुनाई थी इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। अब इसकी सजा पूरी होने की बाबत गृहमंत्रालय को सूचित किया गया और अब आगे की कार्यवाही पूरी करने के लिए गृहमंत्रालय के आदेशों का इन्तजार है।
वोटर आईडी, बैंक अकाउंट और राशन कार्ड बनवाने जैसे आरोप
इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद ही उसे जेल से रिहा किया जाएगा। पाकिस्तानी जासूस शाहिद इकबाल भट्टी, जो देवराज सहगल के नाम से भी जाना जाता है को 17 साल पहले पटियाला से गिरफ्तार किया गया था। भट्टी पर फर्जी तरीके से वोटर आईडी, बैंक अकाउंट और राशन कार्ड बनवाने जैसे आरोप थे। उस पर सेना से जुड़े नक्शे रखने का भी आरोप था। जांच में आया था कि वह नाम बदलकर करीब डेढ़ साल तक सहारनपुर के हकीकतनगर में भी रहा है, जो यहां पर कंप्यूटर सेंटर भी चलाता था। खाता खुलवाने से लेकर राशन कार्ड और पैन कार्ड भी यही पर बने थे। मामले का पता चलते ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक की तरफ से सदर बाजार थाने में 6 नवंबर 2008 में केस दर्ज कराया गया।
गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया
आरोप था कि इकबाल भट्टी ने फर्जी नाम और पते से कागजात तैयार कराकर बैंक में खाता खुलवाया था। पंजाब पुलिस ने भी अपने स्तर पर वहां कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कराया। सहारनपुर की अदालत ने सजा सुनाई थी, जिसके बाद सहारनपुर जेल की बजाय गौतमबुद्धनगर जेल में भेज दिया गया था। पाकिस्तानी जासूस फिलहाल गौतमबुद्धनगर जेल में बंद है, जिसकी सजा पिछले माह पूरी हो गई है। गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है, जिससे उसे जेल से बाहर निकालकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।