Edited By Ramkesh,Updated: 09 Dec, 2025 02:50 PM

संगम की नगरी प्रयागराज में माघ मेले को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। इस बार माघ मेले में सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि भगवा रंग की भव्यता का भी गवाह बनने जा रहा है। संगम की धरती अब “हर-हर महादेव” के जयघोष और भगवा लहराती नावों से पूरी तरह रंग चुकी है।...
प्रयागराज (सैयद आकिब रजा ): संगम की नगरी प्रयागराज में माघ मेले को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। इस बार माघ मेले में सिर्फ आस्था का नहीं, बल्कि भगवा रंग की भव्यता का भी गवाह बनने जा रहा है। संगम की धरती अब “हर-हर महादेव” के जयघोष और भगवा लहराती नावों से पूरी तरह रंग चुकी है। पहले पांटून पुल पर भगवा रंग नजर आया, और अब नावों पर भी भगवा रंग चढ़ाकर पूरे मेले को “भगवामय” बना देने की तैयारी जोरों पर है।

नाविकों ने अपनी नावों पर भगवा झंडे सजा रहे हैं
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर ऐसी भव्यता पहले कभी नहीं दिखी। नाव की पंक्तियां अब सिर्फ सवारी का साधन नहीं रहीं, बल्कि हिंदुत्व की पहचान बनती नजर आ रही हैं। नाविकों ने अपनी नावों पर भगवा झंडे, भगवा रंग की पट्टियां और धार्मिक चिन्हों से सजावट शुरू कर दी है। दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरी नदी ही भगवा धारा में बह रही हो।

साधु-संत बोले- माघ मेला ऐतिहासिक और भगवामय होगा
स्थानीय प्रशासन की तैयारी भी अपने अंतिम चरण में है। पांटून पुलों को मजबूती देने के साथ-साथ घाटों पर भगवा पताकाएं लगाने का काम तेजी से चल रहा है। साधु-संतों के अखाड़े, संतों की टोलियां और संत समाज की टुकड़ियां भी पूरी तरह तैयार नजर आ रही हैं। चारों ओर बस एक ही चर्चा है — “इस बार का माघ मेला ऐतिहासिक और भगवामय होगा।”
होटलों की बुकिंग हुई तेज
श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह है। दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु इस अनोखे दृश्य को देखने के लिए अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। होटलों की बुकिंग, धर्मशालाओं की तैयारी और टेंट सिटी को सजाने का काम तेज हो चुका है।
पांटून पुल के बाद नावों पर चढ़ा भगवा
कुछ लोगों का कहना है कि यह सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की झलक है, जबकि कुछ इसे आस्था के रंग में राजनीति की हल्की छाया भी बता रहे हैं। लेकिन मेले की रौनक और तैयारी यह साफ संकेत दे रही है कि इस बार प्रयागराज में आस्था का महासंगम पूरी तरह भगवा रंग में रंगा नजर आएगा। पांटून पुल के बाद नावों पर चढ़ा भगवा रंग यह संदेश दे रहा है कि माघ मेला अब सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पहचान और परंपरा का भव्य प्रदर्शन बन चुका है। आने वाले दिनों में संगम तट पर उमड़ने वाली लाखों की भीड़ इस भगवामय दृश्य की साक्षी बनेगी।