इतिहास बन जाएगी डाक विभाग की रजिस्ट्री सेवा, 1 अक्टूबर से यूपी में होगी बंद

Edited By Pooja Gill,Updated: 03 Sep, 2025 03:52 PM

registry service of postal department

लखनऊ: दो दशक से भी ज्यादा समय बाद 1877 में डाक विभाग की तरफ से शुरू की गई रजिस्ट्री पोस्ट सेवा पहली अक्टूबर से इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाएगी...

लखनऊ: दो दशक से भी ज्यादा समय बाद 1877 में डाक विभाग की तरफ से शुरू की गई रजिस्ट्री पोस्ट सेवा पहली अक्टूबर से इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाएगी। पहले यह सेवा उत्तर प्रदेश में पहली सितंबर से बंद होनी थी। लेकिन मंत्रालय के निर्देश के बाद सेवा को इस माह तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। 

रजिस्ट्री सेवा को स्पीड पोस्ट में कर दिया जाएगा मर्ज 
भारतीय डाक विभाग ने रजिस्ट्री को स्पीड पोस्ट सेवा में विलय करने का निर्णय लिया है। डाक विभाग ने सभी विभागों, अदालतों, संस्थानों और लोगों को पहली अक्टूबर से नई व्यवस्था का उपयोग करने को कहा है। हालांकि 30 सितंबर तक यह सेवा पहले की तरह चलती रहेगी। इस बारे में भारतीय डाक विभाग लखनऊ के पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार ने बताया कि यह मंत्रालय का निर्णय है। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्पीड पोस्ट सेवा कम समय मे डिलीवर होने के साथ ही इसकी ट्रैकिंग भी आसान है। शायद इस वजह से मंत्रालय ने निर्णय लिया है। 

रजिस्टर्ड डाक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को दी जाएगी ये जानकारी 
डाक विभाग लखनऊ के प्रवर डाक अधीक्षक सचिन चौबे ने बताया कि इस दौरान रजिस्टर्ड डाक सेवा से जुड़े कर्मचारियों को स्पीड पोस्ट के कार्यों की जानकारी दी जाएगी। गौरतलब है कि 2000 के दशक तक डाकघरों में रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पार्सल का अपना एक अलग रुतबा होता था। रजिस्ट्री वाली चिट्ठी भेजने के लिए अलग से काउंटर होता था। डाक घर वाले उसके लिए आपको एक रसीद काट कर देते थे। उस चिट्ठी के डिलीवर होने पर आपको पावती या एकनॉलेजमेन्ट भी मिलता था। कुल मिला कर यह डाकघर की प्रीमियम सर्विस थी। 

रजिस्टर्ड पोस्ट बेहद भरोसेमंद माना जाता था
इस सर्विस को डाक विभाग ने अब बंद करने का फैसला किया है। वहीं रजिस्ट्री चिट्ठी या रजिस्टर्ड पोस्ट की अभी तक बड़ी इज्जत रही है। कोई महत्वपूर्ण कागजात भेजना हो, बाहर पढ़ने वाले बच्चों को बैंक ड्राफ्ट बना कर भेजना हो या रक्षा बंधन पर राखी, सबके लिए रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल होता है। आजादी के बाद से ही रजिस्टर्ड पोस्ट बेहद भरोसेमंद माना जाता था। सरकार भी अपाइन्टमेंट लेटर भेजने में इसका इस्तेमाल करती रही है। साथ ही अदालत भी कानूनी नोटिस इसके जरिए भेजा करती थी। गौरतलब है कि ब्रिटिश शासन काल मे भारतीय डाक विभाग की शुरुआत 1854 में हुई थी। उस दौरान डाक विभाग का केन्द्रीयकरण कर देश मे पहली बार डाक टिकट जारी हुए थे। 

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