भाकियू अराजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश चौहान बोले- युद्ध के मैदान में यदि घोड़ा जवाब दे जाए तो उसे बदल दिया जाता है

Edited By Imran,Updated: 16 May, 2022 06:40 PM

rajesh chauhan national president of bku apolitical said

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मान मनौव्वल भी काम नहीं आई और यूनियन दो भागों में बंट गया। नाराज पदाधिकारियों व उनके समर्थकों ने रविवार को भाकियू (अराजनैतिक) के गठन की घोषणा करते हुए राजेश चौहान को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर...

बारांबकी: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत की मान मनौव्वल भी काम नहीं आई और यूनियन दो भागों में बंट गया। नाराज पदाधिकारियों व उनके समर्थकों ने रविवार को भाकियू (अराजनैतिक) के गठन की घोषणा करते हुए राजेश चौहान को इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। बाराबंकी पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा कि भाकियू महेंद्र टिकैत के मूल सिद्धांतों से भटक गई है। ऐसे में नया संगठन बनाना ही पड़ा। राजेश चौहान ने कहा कि हमारे कुछ सहयोगी लोग एक पार्टी विशेष का धीरे धीरे करके मुखौटा बनते जा रहे हैं। वह किसान यूनियन ना बनके राजनीतिक दल की तरह लड़ने लगे तो हमारी मजबूरी है कि महात्मा टिकैत के सिद्धांतों को बचाना है। राजेश चौहान ने कहा कि युद्ध के मैदान में यदि घोड़ा जवाब दे जाए तो उसे बदल दिया जाता है।

नए कृषि कानून के खिलाफ सरकार से मोर्चा लेने वाले राकेश टिकैत को भारतीय किसान यूनियन से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, नरेश टिकैत को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। भारतीय किसान यूनियन दो भागों बंट गया है। राकेश टिकैत वाले गुट से BKU के कई नेता अलग हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले नया संगठन काम करेगा। राजेश चौहान को भारतीय किसान यूनियन का नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए है। 

'भाकियू महेंद्र टिकैत के मूल सिद्धांतों से भटक गई'
बाराबंकी बंकी भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा कि भाकियू महेंद्र टिकैत के मूल सिद्धांतों से भटक गई है। ऐसे में नया संगठन बनाना ही पड़ा। राजेश चौहान ने राकेश टिकैत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हम महात्मा टिकैत के प्रोडक्ट हैं आज हमने जो ट्रेनिंग ली है वह अपने लोगों को ट्रेंड कर रहे हैं। आज तो किसान बोलना सीखा है इसमें भारतीय किसान महात्मा टिकैत का बड़ा योगदान है। 

'किसानों की लड़ाई लड़ना है'
भारतीय किसान यूनियन में दो घुट होने की बात को लेकर जब राजेश चौहान से पूछा गया कि आप किसान असमंजस में है वह किस और जाए तो उन्होंने इस पर कहा कि जो राजनीति के पसंदीदा लोग होंगे राजनीतिक की ओर जाएंगे और जो अराजनैतिक चेहरा होंगे किसानों की लड़ाई लड़ना है जिन्हें राजनीतिक चेहरा नहीं बनना है वह हमारे साथ रहेंगे। 

'महात्मा टिकैत के सिद्धांतों को बचाना है'
उन्होंने आगे कहा कि कुछ हमारे कुछ सहयोगी लोग एक पार्टी विशेष का मुखौटा बनते जा रहे हैं धीरे धीरे। किसान यूनियन ना बन के राजनीतिक दल की तरह लड़ने लगे तो हमारी मजबूरी है कि महात्मा टिकैत के सिद्धांतों को बचाना है।राजेश चौहान ने कहा कि युद्ध के मैदान में यदि घोड़ा जवाब दे जाए तो उसे बदल दिया जाता है।

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