विपक्ष ने विधानसभा से किया बहिर्गमन, UP सरकार पर लगाया दलितों के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Feb, 2020 03:29 PM

opposition faces exit from assembly accuses up government of

उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर दलितों के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए सोमवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया। दरअसल कानपुर देहात के मंगता गांव में 13 फरवरी को दो गुटों के बीच संघर्ष में 25 लोग घायल हो गये...

लखनऊः उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर दलितों के प्रति संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए सोमवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया। दरअसल कानपुर देहात के मंगता गांव में 13 फरवरी को दो गुटों के बीच संघर्ष में 25 लोग घायल हो गये थे। यह विरोध इसी घटना को ले कर था। शून्यकाल के दौरान बसपा नेता लालजी वर्मा ने यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार दलितों के प्रति संवेदनहीन है। उन्होंने पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की।

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी वर्मा की बात का समर्थन करते हुए घटना को गंभीर बताया। इस पर सदन में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''बसपा नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने जो बातें रखी हैं, ये वास्तव में गांव का स्थानीय विवाद है और पुलिस ने घटना की जानकारी मिलने के बाद तत्काल मौके पर जाकर आवश्यक कार्रवाई की है। गांव में प्रशासन कैम्प कर रहा है। शांति बनी हुई। घटना की जानकारी मिलने के तत्काल बाद सरकार और प्रशासन ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ 13 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन ने घायलों का उपचार कराने की जिम्मेदारी ली है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून के तहत उन सभी पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने की कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर चली है, लेकिन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि क्या हर मामले में राजनीतिक रोटी सेंकना आवश्यक है। हर एक कार्य को हम राजनीतिक नजरिये से क्यों देखना चाहते हैं।'' मुख्यमंत्री ने सरकार की उपलब्धियों और लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा,‘‘ हमने तय किया है कि 2022 तक बिना भेदभाव के हर गरीब के सिर पर छत देने का काम करेंगे। हर गरीब को शौचालय देने का काम भाजपा सरकार ने किया है। हर घर को रसोई गैस दिया। बिजली कनेक्शन दिया।''

उन्होंने कहा, ''अंतर यही है कि हमने वोट बैंक नहीं माना, देश का नागरिक मानकर सुविधाएं उपलब करायीं। आपने (विपक्ष) वोट बैंक बनाकर उनके हितों पर डकैती डाली है....।'' उन्होंने कहा,‘‘ इसलिए नम्र अपील करूंगा कि राजनीतिक एजेंडे के हिस्से नहीं होते ये सब। स्थानीय विवाद का समाधान स्थानीय स्तर पर बैठकर होना चाहिए। इसमें आग में घी डालने का काम आप नहीं करेंगे तो शांति बनी रहेगी और हर व्यक्ति सुरक्षित रहेगा।'' इसके बाद बसपा के वर्मा, कांग्रेस की आराधना और नेता प्रतिपक्ष सपा के राम गोविन्द चौधरी ने मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्टि जताते हुए सदन से अपने अपने सदस्यों के साथ बहिर्गमन किया। 
 

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