Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 31 Jul, 2020 05:54 PM

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि नवगठित इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट में जगह नहीं मिलने का उन्हें मलाल है।अंसारी ने शुक्रवार को कहा कि मस्जिद बनाने के लिये घोषित ट्रस्ट...
अयोध्या: बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि नवगठित इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट में जगह नहीं मिलने का उन्हें मलाल है।अंसारी ने शुक्रवार को कहा कि मस्जिद बनाने के लिये घोषित ट्रस्ट में अयोध्या के किसी मुसलमान को जगह नहीं दी गयी है। यही नहीं रौनाही के धन्नीपुर में जहां मस्जिद बनेगी, वहां के लोगों की भी उपेक्षा की गयी है।
उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि पर अब भव्य मंदिर बनने जा रहा है। हिन्दू-मुस्लिम विवाद पूरी तरह समाप्त हो गया है और गंगा-जमुनी तहजीब मजबूत है। ऐसे में मस्जिद के लिये गठित ट्रस्ट में यदि उन्हे शामिल किया जाता है तो उनके लिये यह गर्व की बात होगी। ट्रस्ट में शामिल होने पर वह उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार द्वारा आवंटित जमीन पर मस्जिद के साथ-साथ स्कूल और अस्पताल का भी निर्माण करवायेंगे।
वहीं मंदिर निर्माण के शिलान्यास से ठीक पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा रौनाही में बनने वाली मस्जिद के लिये ट्रस्ट का ऐलान करने के बाद स्थानीय लोगों की नाराजगी सामने आ रही है। दरअसल बाबरी मस्जिद की तरफ से बने ट्रस्ट में अयोध्या में किसी शख्स का नाम नहीं है।
उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुये कहा कि 15 सदस्यीय ट्रस्ट में नौ सदस्यों का नाम घोषित किया गया है लेकिन बाबरी मस्जिद के लिये सालों लड़ाई लडऩे वाले पक्षकारों को कोई जगह नहीं दी गयी है। इस बीच अयोध्या के साधु संतों की तरफ से कहा जा रहा है कि मस्जिद निर्माण के लिये बनाये जा रहे ट्रस्ट में भी सरकार की तरफ से भी लोगों की नियुक्ति की जाये ताकि सुन्नी वक्फ बोर्ड की फंडिंग पर सरकार नजर रख सके।