जानी दुश्मन बृजेश सिंह के बाहर आते ही मुख्तार अंसारी को लगा सदमा! न लग रही है भूख, न आ रही है नींद

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Aug, 2022 04:42 PM

mukhtar ansari was shocked as soon as the known enemy brijesh

बांदा: उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का पर्याय रहे डॉन बृजेश सिंह को इलाहाबाद कोर्ट ने 14 साल बाद रिहा कर दिया है। वह 14 साल तक कैद में रहने के बाद जेल से बाहर आ गया है, लेकिन इसी बीच बाहुबली मुख्तार अंसारी चिंता में आ गए।

बांदा: उत्तर प्रदेश में कभी दहशत का पर्याय रहे डॉन बृजेश सिंह को इलाहाबाद कोर्ट ने 14 साल बाद रिहा कर दिया है। वह 14 साल तक कैद में रहने के बाद जेल से बाहर आ गया है, लेकिन इसी बीच बाहुबली मुख्तार अंसारी चिंता में आ गए। वह डॉन बृजेश सिंह के बाहर आने से बेचैन हो गया है। बताया जा रहा है कि बृजेश सिंह के बाहर आने की खबर से मुख्तार अंसारी जेल में न तो सही से सो पा रहा है और न ही सही से खा पा रहा है।

जेल के सूत्रों के मुताबिक, बृजेश सिंह की जेल से रिहाई के बाद से माफिया मुख्तार अंसारी की रातों की नींद उड़ गई है। वह जेल में रात भर सो नहीं पा रहा है। इतना ही नहीं, मुख्तार अंसारी सही से खाना भी नहीं खा पा रहा है। बता दें कि बृजेश सिंह पर अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप था। 15 जुलाई 2001 मुख्तार अंसारी के काफिले पर गोलीबारी हुई थी और इस हमले में मुख्तार के गनर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे। डॉन बृजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। वहीं, अब बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले के मामले में बृजेश सिंह को जमानत दे दी है और वह जेल से बाहर आ गए हैं।

बता दें कि बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी दोनों आपस में जानी दुश्मन है। पहले बृजेश और मुख्तार अंसारी दोस्त हुआ करते थे। साल 1991 में वाराणसी के पिंडरा से विधायक अजय राय के भाई अवधेश की मौत की खबर सुनकर बृजेश सिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। अवधेश की हत्या में मुख्तार अंसारी और उसके गैंग का नाम सामने आया और यह बात बृजेश सिंह को चुभ गई। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार विधानसभा सदस्य बनने के बाद से बृजेश सिंह की जरायम की सत्ता को चुनौती देने लगा। 1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार विधायक बना और उसका रुतबा बढ़ गया। वहीं, गाजीपुर में 15 जुलाई 2001 को मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के उसर चट्टी इलाके में तत्कालीन मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी के काफिले पर बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह ने मिलकर जानलेवा हमला किया था। दिन में दोपहर 12:30 बजे हुए इस हमले में मुख्तार अंसारी के गनर समेत तीन लोगों की मौत हुई थी।

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