Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 Jul, 2025 12:29 PM

Ballia News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत केवल इसलिए हो गई क्योंकि अस्पताल में ना तो बिजली थी, ना जनरेटर काम कर रहा था और इसी कारण समय पर ऑक्सीजन......
Ballia News: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक बुजुर्ग महिला की मौत केवल इसलिए हो गई क्योंकि अस्पताल में ना तो बिजली थी, ना जनरेटर काम कर रहा था और इसी कारण समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल सकी।
कहां की है घटना?
मिली जानकारी के मुताबिक, यह घटना सोनवरसा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की है। मृतका की पहचान मुन्नी देवी (उम्र 96 साल) के रूप में हुई है, जो शिवपुर गांव की रहने वाली थीं। बताया जा रहा है कि मुन्नी देवी की तबीयत बिगड़ने पर बीते बुधवार रात करीब 9 बजे परिजन उन्हें सीएचसी लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें तत्काल ऑक्सीजन की जरूरत है। लेकिन उस वक्त अस्पताल में बिजली नहीं थी और जो जनरेटर था, वह खराब पड़ा था। परिजन परेशान होते रहे, लेकिन ऑक्सीजन प्लांट चालू ना हो सका और कुछ ही देर में मुन्नी देवी ने दम तोड़ दिया।
क्या कहना है डॉक्टर पक्ष का?
सीएचसी प्रभारी डॉक्टर राजेश ने फोन पर बताया कि महिला को सांस लेने में परेशानी हो रही थी और उनकी उम्र काफी ज्यादा थी। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज की स्थिति गंभीर थी इसलिए जिला अस्पताल रेफर किया गया था और एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन परिजन उन्हें वहां ले जाने को तैयार नहीं हुए और सीएचसी पर ही इलाज कराने की जिद करते रहे। इसी बीच महिला की हालत और बिगड़ी और उनकी मौत हो गई।
अस्पताल की बदहाल व्यवस्था
डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में दोपहर से ही बिजली नहीं थी, जिससे इन्वर्टर भी जवाब दे गया और जनरेटर भी पहले से खराब था। ऐसे में ऑक्सीजन प्लांट नहीं चल पाया, जो बुजुर्ग महिला की जान नहीं बचा सका।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य सिस्टम
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। सवाल यह उठता है कि जब अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था (जनरेटर/इन्वर्टर) भी काम ना करे, तो मरीजों का क्या होगा? वहीं स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अस्पतालों में जनरेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था हर समय दुरुस्त रखी जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों। यह घटना व्यवस्था की लापरवाही का गंभीर उदाहरण बन गई है।