Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 Nov, 2024 09:28 AM
Lucknow News:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बीते सोमवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई नियमावली 2024 को मंजूरी दी है। उत्तर प्रदेश सरकार को अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक...
Lucknow News:(अश्वनी कुमार सिंह) उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी डीजीपी की नियुक्ति को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बीते सोमवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई नियमावली 2024 को मंजूरी दी है। उत्तर प्रदेश सरकार को अब DGP के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) भारत सरकर को पैनल नही भेजना पड़ेगा। अब ये काम यूपी सरकार खुद कर लेगी और डीजीपी का कार्यकाल भी 2 साल का रहेगा। वहीं रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय कमेटी डीजीपी का चयन करेगी। कमेटी में मुख्य सचिव, यूपीएसएसी की तरफ से नामित एक अफसर, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख गृह सचिव और एक रिटायर्ड डीजीपी शामिल रहेंगे।
योगी कैबिनेट ने नई चयन नियमावली 2024 को दी मंजूरी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नई नियमावली में तय किया गया है कि डीजीपी पद पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जिनकी सेवा अवधि कम से कम 6 महीने अवश्य शेष हो। इसके साथ ही डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल 2 साल तक होना चाहिए। डीजीपी की नियुक्ति होने पर उन्हें कम से कम 2 साल तक कार्यकाल जरूर प्रदान किया जाए। अगर तैनाती के बाद उनकी सेवा अवधि 6 महीने ही शेष है तो सेवा अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
पिछले 3 सालों से स्थाई DGP की नहीं की जा सकी नियुक्ति
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले 3 सालों से स्थाई डीजीपी की नियुक्ति नहीं की जा सकी है। अब नई नियमावली बनने के बाद सरकार को स्थाई तौर पर डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएसएसी की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर एक याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस व्यवस्था को सभी दबाव से मुक्त करने के लिए राज्य सरकारों से नई व्यवस्था बनाने की अपेक्षा की थी। इसके बाद आंध्र प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना की सरकारों ने डीजीपी की नियुक्ति से संबंधित नियमावली बना रखी है।
अब तक इस तरह चुना जाता था DGP
उल्लेखनीय है कि इससे पहले यूपी में डीजीपी चयन की यह व्यवस्था थी कि सरकार पुलिस सेवा में 30 साल पूरा कर चुके उन अफसरों का नाम यूपीएससी को भेजती थी जिनका कम से कम 6 महीने का कार्यकाल शेष बचा हो। यूपीएससी सरकार को 3 अफसरों के नाम का पैनल भेजा था, जिसमें से सरकार किसी एक अफसर को डीजीपी बनाती थी।