Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Oct, 2020 02:11 PM

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले में सदर सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में दिवंगत विधायक विरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी उषा सिरोही को उम्मीदवार घोषित करते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं। जिला भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष और 2...
बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले में सदर सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में दिवंगत विधायक विरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी उषा सिरोही को उम्मीदवार घोषित करते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं। जिला भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष और 2 बार जिला पंचायत सदस्य रही डॉ. उर्मिला राजपूत ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देकर उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है। भाजपा के जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया को भेजे त्यागपत्र में डॉ. राजपूत ने पार्टी नेतृत्व पर पार्टी के निष्ठावान पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। वहीं प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
डॉ. राजपूत का कहना है कि संगठन आज जहां खड़ा है वह पार्टी के समर्पित निष्ठावान कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है, लेकिन पार्टी अपनी नीति और सिद्धांतों से भटकती जा रही है। उन्होंने कहा कि वे पूरे समर्पण से बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए संघर्ष करेंगे। डॉ. राजपूत वर्तमान में वे एक वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य है और लोधी राजपूत जाति से है। इस जाति के विधानसभा क्षेत्र में लगभग 25 हजार मतदाता है जिसे भाजापा का वोट बैंक कहा जाता है। डॉ उर्मिला बीते 30 वर्ष से पार्टी में सक्रिय थी।