सावन का आखिरी सोमवार आज, जानिए कैसे करें पूजा अर्चना कि पूर्ण होगी मनोकामनाएं!

Edited By Ramkesh,Updated: 04 Aug, 2025 01:47 PM

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सावन माह के अंतिम सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के बाद भक्तों की लम्बी कतारें लगी है। इसी कड़ी में देश के अन्य मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी है। हालांकि सावन के सोमवार होने के नाते इसका महत्व बढ़ जाता है। जानें इस...

वाराणसी: सावन माह के अंतिम सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के बाद भक्तों की लम्बी कतारें लगी है। इसी कड़ी में देश के अन्य मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी है। हालांकि सावन के सोमवार होने के नाते इसका महत्व बढ़ जाता है। जानें इस दिन बनने वाले शुभ योग, मुहूर्त और जलाभिषेक का समय जिससे भक्तों और श्रद्धालुओं की मनों कामना पूर्ण होती है। हिन्दू धर्म के अनुसार मान्यता है है कि सावन माह भोलेनाथ के प्रिय माह में जलाभिषेक करने से भक्तों की मनों कामना पूर्ण होती है!

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 आज के दिन क्या करें ?
- शिव मंदिर में या घर के शिवलिंग के सामने बैठकर व्रत उद्यापन का संकल्प लें।
- विधिवत शिव जी की पूजा, पाठ करें।
- पूजा समाप्ति पर शिव परिवार की आरती करें और अग्नि के समक्ष हवन करें, जिससे पवित्रता और शुभता बनी रहती है।
- व्रत के बाद कम से कम पाँच सुहागन महिलाओं को भोजन करवाएं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
- सुहाग सामग्री जैसे हल्दी, चूड़ी, कुमकुम, फल, नए वस्त्र आदि दान करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराना और अपनी सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा देना भी अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
- अंत में भगवान शिव से प्रार्थना करें कि यदि व्रत या पूजा में कोई त्रुटि हुई हो तो उसे क्षमा करें।

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वहीं अंतिम सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। बाबा के जलाभिषेक और दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही। अधिकारियों ने कतार में खड़े भक्तों पर पुष्प वर्षा की। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कांवड़ मार्ग और श्री काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र में अतिरिक्त सतकर्ता बरतने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को जलमग्न घाट क्षेत्रों में प्रवेश से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है और चेतावनी संदेश बोडर् लगाए गए हैं।
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अग्रवाल ने बताया कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील घाटों और मार्गों पर विशेष सतकर्ता बरती जा रही है। घाटों पर लाउडस्पीकर और मोबाइल पुलिस यूनिट्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को जलमग्न क्षेत्रों से दूर रहने, सावधानी बरतने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की घोषणाएं की जा रही हैं।

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श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कांवड़ मार्ग पर दिशा-निर्देशक बोडर् लगाए गए हैं। महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, पुलिस चौकियों पर विश्राम, प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। 

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