‘कानपुर के जज डॉ. अमित वर्मा फैसला देने लायक नहीं’, इलाहाबाद HC बोला- 3 महीने की ट्रेनिंग पर भेजो

Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 Apr, 2025 10:49 PM

kanpur judge dr amit verma is not fit to give judgement  allahabad hc

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर में तैनात अपर जिला जज (एडीजे) डॉ. अमित वर्मा को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि एडीजे फैसला लिखने की काबिलियत नहीं रखते। वह आदेश देते समय कारण और निष्कर्ष का उल्लेख भी नहीं करते। इसलिए उन्हें 3 महीने...

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर में तैनात अपर जिला जज (एडीजे) डॉ. अमित वर्मा को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि एडीजे फैसला लिखने की काबिलियत नहीं रखते। वह आदेश देते समय कारण और निष्कर्ष का उल्लेख भी नहीं करते। इसलिए उन्हें 3 महीने की ट्रेनिंग पर भेजने का निर्देश दिया है।

ट्रेनिंग के लिए न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लखनऊ भेजने के निर्देश
बता दें कि न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने मुन्नी देवी बनाम शशिकला पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। कोर्ट ने पाया कि डॉ. वर्मा आदेश लिखते समय कारण और निष्कर्ष स्पष्ट रूप से नहीं बताते हैं। पहले भी कोर्ट ने उनके एक आदेश को रद्द कर दिया था और दोबारा आदेश देने को कहा था लेकिन, उन्होंने फिर वही गलती दोहराई। इसलिए कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल से डॉ. वर्मा को प्रशिक्षण पर भेजने के लिए मुख्य न्यायाधीश से आदेश प्राप्त करने को कहा है। साथ ही उन्हें ट्रेनिंग के लिए न्यायिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान लखनऊ भेजें। कोर्ट ने जिला जज कानपुर नगर को संबंधित पुनरीक्षण अर्जी किसी अन्य अपर जिला जज को सुनवाई के लिए स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया है।

बिना कारण बताए खारिज की थी याचिका
गौरतलब हो कि शशिकला पांडेय ने वर्ष 2013 में किराया वसूली व बेदखली का वाद दाखिल किया, जो 29 फरवरी 2024 को याची के विरुद्ध डिक्री हो गया। इसके विरुद्ध याची ने पुनरीक्षण अर्जी दाखिल की जिसे एडीजे ने सात नवंबर 2024 को खारिज कर दिया। इस आदेश को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई। कहा गया कि आदेश का कारण व‌ निष्कर्ष नहीं दिया है। अपर जिला जज ने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एडीजे का उक्त आदेश रद्द कर नए सिरे से आदेश के लिए पत्रावली वापस भेज दी। इसी बीच याची ने पुनरीक्षण अर्जी में नए आधार जोड़ने की संशोधन अर्जी दी, जिसे एडीजे ने बिना कारण बताए गत एक मार्च को निरस्त कर दिया। इस आदेश को फिर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

अपर जिला जज डॉ वर्मा फैसला लिखाने की काबिलियत नहीं रखते
याची का कहना था कि एडीजे डॉ अमित वर्मा ने पहले आदेश में जो गलती की थी, वही गलती इस आदेश में भी की है इसलिए आदेश रद्द किया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि अपर जिला जज डॉ वर्मा फैसला लिखाने की काबिलियत नहीं रखते इसलिए इन्हें प्रशिक्षित किया जाए और प्रशिक्षण पर भेजने का निर्देश दिया है।

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