Edited By Imran,Updated: 19 Nov, 2024 12:32 PM
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुए अग्निकांड ने सभी का दहला दिया है । मेडिकल कॉलेज के स्पेशल चाइल्ज केयर यूनिट में आग लगने के कारणों का पता लगाने लखनऊ की चार सदस्यीय टीम सोमवार को झांसी पहुंची ।
झांसी: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुए अग्निकांड ने सभी का दहला दिया है। मेडिकल कॉलेज के स्पेशल चाइल्ज केयर यूनिट में आग लगने के कारणों का पता लगाने लखनऊ की चार सदस्यीय टीम सोमवार को झांसी पहुंची ।
चार सदस्यीय टीम ने की गहन जांच
टीम ने करीब 35 मिनट तक जले हुए एसएनसीयू की जांच की । 40 मिनट वार्ड पांच में भर्ती नवजातों के परिजनों से बातचीत भी की । इसके अलावा करीब साढ़े पांच घंटे तक वहां पूछताछ चली । पूछताछ के दौरान छह मृत शिशुओं के परिजन समेत 20 डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ के बयान दर्ज किए गए । इसके अलावा टीम ने सीसीटीवी फुटेज भी चेक की । वहीं, कॉलेज के बिजली कर्मियों से भी घटना के बारे में जानकारी ली गई । बता दें कि यह टीम आज यानि मंगलवार को भी झांसी में ही रहेगी । चार सदस्यीय इस टीम को सात दिनों के अंदर रिपोर्ट देनी है।
शॉर्ट सर्किट है हादसे की वजह
वहीं, अग्निकांड के चलते मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती तीन बच्चे अब भी गंभीर हैं। लखनऊ से आई इस टीम की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह कर रही हैं । उन्होंने हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया है। उन्होंने बताया कि पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी। इसके बाद नजदीक के वेंटिलेटर में भी आग लगने से यह हादसा हुआ।
टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में ली जानकारी
आपको बता दें कि लखनऊ से आई चार सदस्यीय टीम सोमवार सुबह करीब 11 बजे यहां पहुंच गई थी । टीम ने पहले एसएनसीयू का निरीक्षण किया। इसके बाद टीम 10 बेड के एसएनसीयू वार्ड पहुंची । यहां उन्होंने भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली ।
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दी चेतावनी
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने झांसी मेडिकल कालेज में हुए अग्निकांड के बाद सख्त कदम उठाए हैं । उन्होंने हर अस्पताल का नए सिरे से अग्नि सुरक्षा आडिट कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा ब्रजेश पाठक ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि हर अस्पताल की सुरक्षा आडिट से सामने आने वाली कमियों पर तत्काल रूप से एक्शन लिया जाए । हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए। समय-समय पर मॉकड्रिल कराई जाए। उपकरणों की नियमित जांच हो ।