नारी शक्ति वंदन विधेयक के समर्थन में मायावती, बोलीं- आबादी के हिसाब से 50% आरक्षण होता तो भी BSP करती समर्थन

Edited By Ramkesh,Updated: 19 Sep, 2023 03:35 PM

in support of nari shakti vandan bill mayawati said

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि SC/ST,OBC का कोटा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आबादी के हिसाब से 50% आरक्षण...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि SC/ST,OBC का कोटा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। आबादी के हिसाब से 50% आरक्षण रहे तो और अच्छा रहेगा।

 मायातवी ने कहा कि महिला आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाए। SC/ST, OBC की महिलाओं के अलग से कोटे की मांग की है। वहीं मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने ट्वीट कर कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए माताओं- बहनों को बधाई।  लंबे समय से लंबित इस बिल का बीएसपी समर्थन करती है।  उन्होंने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा 33 फीसदी नहीं अगर 50 फीसदी आरक्षण होता तो भी बीएसपी इसका समर्थन करती। महिला आरक्षण बिल में SC/ST, OBC का कोटा सुनिश्चित किया जाना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो बीएसपी ये समझेगी कि भाजपा और कांग्रेस दोनों की जातिवादी मानसिकता अभी भी नहीं बदली है और ये पार्टियां अभी भी इन वर्गों को पिछड़े हुए बनाए रखना चाहती हैं।

बता दें कि महिला आरक्षण के लिए 128वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नये संसद भवन में पहले दिन लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाला नारीशक्ति वंदन अधिनियम को मंत्रिमंडल की मंजूरी और इसे लोकसभा में पेश करने की घोषणा के बाद आज इस संविधान संशोधन विधेयक को सदन में पेश किया गया। मोदी ने सदन से अपील की कि सभी दल इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करके इसे और मजबूत बनायें। विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बाद में तत्संबंधी संविधान (128वां संशोधन) विधेयक पेश किया गया। जिसमें नारी शक्ति वंदन विधेयक के नाम से प्रस्तुत इस विधेयक में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में ऐसे मील के पत्थर आते हैं, जिन्हें पीढि़यां याद रखतीं हैं। आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि आज का दिन गणेश चतुर्थी का दिन इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला पल है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के बारे में चर्चा और वाद विवाद होता रहा है। पहले भी 1996 में पहली बार यह विधेयक पेश किया गया था। बाद में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में भी ये विधेयक लाने का कई बार प्रयास किया गया। लेकिन उसे पारित करने के लिए जरूरी आंकड़े नहीं जुटा पाये।  मोदी ने कहा, ‘‘ईश्वर ने ऐसे कई काम करने के लिए मुझे चुना है। एक बार फिर उनकी सरकार ने कल मंत्रिमंडल की बैठक में महिला आरक्षण विधेयक लाने को मंजूरी दी है। 19 सितंबर की तिथि अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है।''

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं। ऐसे में बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में नारीशक्ति अधिक से अधिक भूमिका निभाये। आज के ऐतिहासिक मौके पर सदन की पहली कार्यवाही में, मैं देश में बदलाव का आह्वान करता हूं। सभी सांसदों से नारीशक्ति के लिए नये प्रवेश द्वार खोल दें। एक महत्वपूर्ण निर्णय में महिला नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार लोकसभा एवं विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन करने जा रही है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।''  प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश की माताओं, बहनों एवं बेटियों को इस विधेयक के लिए बधाई देते हैं और उन्हें आश्वस्त करते हैं कि इस विधेयक को कानून बनाने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी साथियों से आग्रह करता हूं कि यह एक पावन शुरुआत हो रही है। सर्वसम्मति से यह विधेयक कानून बने तो इसकी ताकत अनेक गुना बढ़ा जाएगी। दोनों सदनों के माननीय सांसदों से इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील है।

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