Edited By Imran,Updated: 07 Apr, 2025 01:25 PM

उत्तर प्रदेश में गर्मी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दी है। गेंहू की फसलों की कटाई की जा रही है और इस तपती धूप में प्रदेश के कई जिलों में आग लगने की खबर सामने आ रही है। कई जिलों में सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई है। आग लगने की घटना ने...
UP Farmer News: उत्तर प्रदेश में गर्मी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दी है। गेंहू की फसलों की कटाई की जा रही है और इस तपती धूप में प्रदेश के कई जिलों में आग लगने की खबर सामने आ रही है। कई जिलों में सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई है। आग लगने की घटना ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
किसानों के फसलों की बर्बादी को देखकर उनको राहत देने के लिए सरकार ने एक अहम योजना चलाई है, जिससे प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। लेकिन बहुत से किसानों को अब भी यह नहीं पता कि इस योजना का लाभ कैसे लिया जाए और किन प्रक्रियाओं को पूरा करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना
आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से चल रही मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना का उद्देश्य ऐसे किसानों को आर्थिक राहत देना है जिनकी फसल आग से नष्ट हो गई हो। योजना के तहत नुकसान का मूल्यांकन कर किसानों को मुआवजा दिया जाता है।
योजना का लाभ कैसे लें?
अगर अपका भी फसल जल, गल, नष्ट हो गया है तो आपको अपने फसल जलने की सूचना 15 दिन के अंदर ही दर्ज करानी होगी। क्योंकि आपके द्वारा जानकारी देने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
आवेदन कहां और कैसे करना है?
फसल जलने की घटना के बाद किसान को सबसे पहले ग्राम प्रधान, लेखपाल और सचिव को सूचित करना होता है। इसके बाद, किसान को अपने ब्लॉक के कृषि कार्यालय या मंडी समिति में एक प्रार्थना पत्र देना होता है, जिसे आवेदन माना जाता है। इस पत्र में फसल की जानकारी, नुकसान का अनुमान, खेत की लोकेशन और किसान की व्यक्तिगत जानकारी शामिल होनी चाहिए। जांच के बाद अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाती है और उसके आधार पर मुआवजा तय होता है।
कितनी राशि तक मिल सकता है मुआवजा?
सरकार द्वारा निर्धारित मुआवजा राशि किसान की भूमि की मात्रा और नुकसान के आधार पर दी जाती है। 2.5 एकड़ से कम भूमि पर फसल जलने पर 15,000 रुपये तक 2.5 से 5 एकड़ तक भूमि वाले किसानों को 20,000 रुपये तक 5 एकड़ से अधिक भूमि वालों को 30,000 रुपये तक की सहायता दी जाती है। यदि नुकसान बड़ा हो तो यह राशि एक लाख रुपये तक भी पहुंच सकती है। यह फैसला जांच रिपोर्ट और नुकसान की गंभीरता पर निर्भर करता है।