Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jan, 2020 10:54 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम आदेश देते हुए प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियो की विशेष अपीलो पर फाइनल सुनवाई 28 जनवरी को नियत की है। इनमें एकल न्यायाधीश के उस...
लखनऊः इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने एक अहम आदेश देते हुए प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियो की विशेष अपीलो पर फाइनल सुनवाई 28 जनवरी को नियत की है। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतमअहर्ता अंक सामान्य वर्ग के लिये 45 प्रतिशत आरक्षित वर्ग के लिये 40 प्रतिशत रखे जाने के निर्देश सरकार को दिये गये थे।
न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने यह आदेश इन अपीलों पर दिया। इस मामले में अदालत के समक्ष राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने गत 24 सितम्बर को सरकार का पक्ष रखते हुवे दलीलें दी थीं। इसके बाद से अन्य पक्षकारों के अधिवक्ताओं की बहस जारी थी। साल की सुरुआत में हुई भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने इसमें अहर्ता अंक समान्य वर्ग के लिये 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत तय किये थे, जिसके खिलाफ एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर हुई और उक्त निर्देश दिये गये थे। बीते शनिवार को मामले की फाइनल सुनवाई जारी रही।
यचियों के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा के सुझाव पर और हाल ही में उच्चतम न्यायालय दिये गये आदेश के मद्देनजर अदालत ने मौखिक बहस को सीमित करने के लिए संबंधित पक्षकारों के वकीलों को अपनी लिखित बहस 23 जनवरी तक दाखिल करने के निर्देश दिए थे,जिससे मामले का जल्दी निस्तारण किया जा सके। इस भर्ती मामले में अभ्यर्थी राजधानी में धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।