Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 May, 2023 12:21 AM

Ayush Colleges Scam: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (lucknow Bench) ने आयुष विभाग (Ayush Department) में 2019 में स्नातक (UG) एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (PG) में दाखिले के लिए तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharam...
लखनऊ, Ayush Colleges Scam: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (lucknow Bench) ने आयुष विभाग (Ayush Department) में 2019 में स्नातक (UG) एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (PG) में दाखिले के लिए तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharam Singh Saini), तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी (Prashant Trivedi) सहित कई आला अफसरों द्वारा रिश्वत लेने के आरोपों पर गंभीर रुख अपनाते हुए सीबीआई (CBI) को जांच का आदेश दिया है।

लखनऊ पीठ ने सीबीआई से कहा कि वह तत्काल इस संबंध में मामला दर्ज कर विवेचना करे और एक अगस्त को जांच की प्रगति रिपोर्ट उसके सामने पेश करे। न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने बुधवार को डॉ रितु गर्ग द्वारा दायर जमानत याचिका को स्वीकार करने के दौरान यह आदेश पारित किया। सुनवायी के दौरान के दौरान अदालत में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह एवं एसटीएफ के डिप्टी एसपी संजीव दीक्षित उपस्थित थे।

अदालत ने आयुर्वेद निदेशालय के प्रभारी अधिकारी डा उमाकांत सिंह का बयान सुना। सिंह ने पुलिस के सामने बयान दिया था कि यूजी पीजी 2019 में आयुष विभाग में विभिन्न पाठयक्रमों में दाखिले के लिए तत्कालीन मंत्री धर्म सिंह सैनी , तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी एवं अन्य आला अधिकारियों के बीच कैसे रिश्वत का बंटवारा किया गया। सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी कहा कि जांच अधिकारी ने उमाकांत सिंह का बयान दर्ज किया जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कैसे 2019 में दाखिले में भ्रष्टाचार किया गया तथा सैनी ने अपने निवास पर 35 लाख रुपये और त्रिवेदी ने 25 लाख रुपए लिए।