Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वे रिपोर्ट होगी सार्वजनिक! 24 जनवरी को आएगा फैसला

Edited By Pooja Gill,Updated: 07 Jan, 2024 09:18 AM

gyanvapi case gyanvapi mosque complex

वाराणसी: वाराणसी की एक अदालत ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर एएसआई की सीलबंद रिपोर्ट सार्वजनिक करने और पक्षकारों को प्रतियां उपलब्ध कराने के बारे में 24 जनवरी को कोई निर्णय लेगी। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि इस आशय का आदेश जिला न्यायाधीश...

वाराणसी: वाराणसी की एक अदालत ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर एएसआई की सीलबंद रिपोर्ट सार्वजनिक करने और पक्षकारों को प्रतियां उपलब्ध कराने के बारे में 24 जनवरी को कोई निर्णय लेगी। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि इस आशय का आदेश जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने दिया। हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों के साथ-साथ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वकील भी अदालत में मौजूद थे। जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश के बाद, एएसआई ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं।

PunjabKesari
फास्ट ट्रैक कोर्ट 19 जनवरी को करेगा सुनवाई
अदालत ने कहा कि वह ‘सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट' के समक्ष मामले की सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर फैसला लेगा। फास्ट ट्रैक कोर्ट इस मामले पर 19 जनवरी को सुनवाई करेगा। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बुधवार को अदालत से अपनी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वेक्षण रिपोर्ट को कम से कम चार और हफ्तों तक सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया था। इसके बाद वाराणसी जिला अदालत के न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने मामले को बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। एएसआई के वकील अमित श्रीवास्तव ने बुधवार को जिला अदालत को बताया था कि उच्च न्यायालय ने आदेश में यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर सिविल अदालत ज्ञानवापी परिसर का दोबारा सर्वेक्षण कराने का आदेश दे सकती है। इसलिए अभी सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने पर विरोधाभास की स्थिति पैदा हो सकती है, लिहाजा सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक करके पक्षकारों को उपलब्ध कराने के लिए चार सप्ताह का समय दिया जाए।

PunjabKesari
उच्च न्यायालय ने दिए थे यह निर्देश
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 1991 का पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) किसी प्रार्थना गृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है और इसे केवल विरोधी पक्षों द्वारा अदालत में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है। न्यायालय ने निचली अदालत को इस मामले को छह महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर जरूरी हो तो निचली अदालत एएसआई को परिसर के सर्वेक्षण करने का निर्देश दे सकती है। एएसआई ने 18 दिसंबर को सीलबंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंप दी थी। एएसआई ने बुधवार को चार सप्ताह का समय मांगते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें निचली अदालत को मामले को छह महीने के अंदर निपटाने और जरूरत पड़ने पर एएसआई को सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराने के आदेश देने की बात कही गई है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!